बिहार के मुजफ्फरपुर में कंप्यूटर इंजीनियर सौम्या बरोलिया को साइबर फ्रॉड गिरोह के शातिरों ने ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब देने का झांसा देकर खाते से 10.11 लाख उड़ा लिये. पीड़िता नगर थाना क्षेत्र के इस्लामपुर सूतापट्टी की रहने वाली है. वर्तमान में वह बैंगलोर के एक सॉफ्टवेयर कंपनी में पोस्टेड है. वर्क फ्रॉम होने के कारण वह घर से ही अभी काम कर रही है. फ्रॉड का शिकार पीड़ित इंजीनियर के भाई रजत बरोलिया ने घटना को लेकर नगर थाने में लिखित शिकायत की है. इसके अलावे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दी है.
पुलिस को दी शिकायत में रजत बरोलिया ने बताया है कि गत 13 मार्च को उसकी बहन सौम्या बरोलिया घर का काम कर रही थी. इसी दौरान शाम 3.24 बजे पर उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया. इसमें घर बैठे ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब देने का ऑफर किया गया और टास्क देकर रिव्यू देने पर पैसा देने का लाभ दिया गया. अगले दिन 14 मार्च को टेलिग्राम यूजर रिशेप्शनिस्ट रिद्धि से संपर्क करने को कहा गया. उससे चैट करने पर एक अन्य यूजर नेम के द्वारा डिजिटल मार्केटिंग में इन्वेस्ट करने के नाम पर अलग-अलग बैंकों के खातों में उसके बहन की ओर से 10 लाख 11 हजार 400 रुपये डलवाया.
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साइबर फ्रॉड द्वारा उसकी बहन को कहा गया कि आपका क्रेडिट स्कोर पूरा हो गया है. आपका कुल राशि 11 लाख 77 हजार 400 रुपये हो गया है. इसे दो से तीन घंटे में आपके खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. लेकिन, 16 मार्च के सुबह दस बजे तक पैसा नहीं आया. जब उसकी बहन ने चैट के माध्यम से पूछा तो बताया कि आपकी राशि 11 लाख 77 हजार से ऊपर है. इस पर आपके 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. इसके लिए तीन लाख 53 हजार 220 रुपये देना होगा. इसके बाद आपको पूरी राशि की भुगतान कर दी जायेगी. इसके बाद उसके ठगी का एहसास हुआ.
साइबर फ्रॉड गिरोह के शातिरों ने सिकंदरपुर कुंडल के एक युवक से 15 दिन पहले ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग का टास्क देकर युवक के खाते से चार लाख से अधिक रुपये उड़ा दिये थे. बेरोजगार होने के कारण वह अपने पिता के अकाउंट से पैसा भेजा था. जब उसको फ्रॉड की जानकारी हुई तो वह रोते हुए नगर थाने पहुंचा था. यहां से उसको नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत करने को भेजा गया था.
साइबर थाना खोलने में देरी से हो रही शिकायत देने में परेशानी
पुरानी महिला थाना भवन में साइबर थाना खोलने की घोषणा के एक 15 दिन बाद भी काम-काज नहीं शुरू हो सकी है. शहर में साइबर क्राइम के मामले में काफी तेजी हुई है. नगर थाने पर दूसरे थाना क्षेत्र से भी रोज औसतन तीन से पांच शिकायत पहुंच रहे हैं. लेकिन, साइबर थाना नहीं होने के कारण थानेदार सिर्फ अपने थाना क्षेत्र की ही शिकायत लेते हैं. साइबर थाना के लिए भवन का रंग-रोगन हो चुकी है. साइबर थाना का बोर्ड भी बन चुका है. अब फरियादियों को जल्द से जल्द थाना शुरू हो इसका इंतजार है.