पटना. बिहार में साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सबसे खास बात है कि साइबर फ्रॉड करने के तरीके भी बड़ी तेजी से बदले हैं. 2016 की तुलना में 2021 में साइबर फ्रॉड पांच गुना बढ़ गया है.
आंकड़ों की बात करें, तो वर्ष 2016 से लेकर अब तक साइबर फ्रॉड के 4643 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. वहीं, सभी थानों से आयी रिपोर्ट के अनुसार इतने वर्षों में साइबर अपराधियों ने करीब 10.24 करोड़ रुपये लोगों की जेब से उड़ा लिये, जबकि रिकवरी पांच फीसदी से भी कम हुई है. खास बात यह है कि इन साइबर अपराधियों के काम करने का ट्रेंड भी लगातार बदलता रहा.
ओटीपी मांग कर खाते से पैसा निकालने की तरीके से शुरू हुआ साइबर अपराध का खेल अब सोशल मीडिया से फ्रॉड, अश्लील वीडियो की ब्लैमेलिंग, ऑनलाइन सेक्स, फोन, बैंक खाता, सिम, आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड से फ्रॉड से लेकर लोन का लालच आदि कई तरीकों से हो रहा है. पुलिस एक तरीके को क्रैक कर साइबर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है, तो साइबर अपराधी दूसरे दिन कई अन्य नये तरीके अपना लेते हैं.
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खाता व मोबाइल फोन हैक करके रुपये की निकासी
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आइएएस, आइपीएस व अन्य अधिकारियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर मदद के नाम पर ठगी
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ऑनलाइन सेक्स का झांसा देकर नग्न तस्वीर की स्क्रीनशॉट निकाल शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग
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इनाम या सामान सस्ते में देने का दावा या बकाये रकम की वापसी के लिए लिंक को भेजना और लिंक को क्लिक करते ही खाते से रुपये की निकासी
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एनीडेस्क जैसे एप की मदद से किसी के कंप्यूटर में प्रवेश कर जाना और खाते से रुपये निकालना
ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विशेष साइबर सेल बनाया है. इस सेल की हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर जालसाजी की जानकारी देने पर अापका सारा पैसा वापस आ जायेगा.
आपके पैसे जिस बैंक खाता या फिर आइडी पर ट्रांसफर किया गया है, 155260 हेल्पलाइन से उस बैंक या फिर इ-साइट को अलर्ट मैसेज पहुंचेगा. फिर आपकी रकम होल्ड हाे जायेगी. इसके बाद आपकी रकम आपके खाते में वापस आ जायेगी. वेबसाइट : https//cybercrime.gov.in पर भी शिकायत कर सकते हैं.
Posted by Ashish Jha