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दुनिया की सबसे ऊंची सड़क उमलिंगा ला को बिहार की बेटी सबिता ने दौड़ कर किया फतह

छपरा की रहने वाली साइकिलिस्ट सबिता महतो दुनिया की सबसे ऊंची पास उमलिंगा ला, (दक्षिणी लद्दाख में स्थित 52 किलोमीटर लंबी चिसुमले-डेमचोक सड़क का सबसे ऊंचा हिस्सा ) पर दौड़ कर सफर तय करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गयी हैं. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कुल 18 दिन लगे.

रिपोर्ट: जूही स्मिता

पटना. छपरा की रहने वाली साइकिलिस्ट सबिता महतो दुनिया की सबसे ऊंची पास उमलिंगा ला, (दक्षिणी लद्दाख में स्थित 52 किलोमीटर लंबी चिसुमले-डेमचोक सड़क का सबसे ऊंचा हिस्सा ) पर दौड़ कर सफर तय करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गयी हैं. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कुल 18 दिन लगे. उन्होंने मनाली से 19 अगस्त को इस पास पर चढ़ने के लिए दौड़ना शुरू किया और 5 सितंबर को यहां पर पहुंचीं. उन्होंने 570 किलोमीटर का सफर सिर्फ दौड़ कर तय किया.

रोजाना आठ घंटे दौड़ती थीं और शाम में वहां आर्मी बेस कैंप में ठहरती थीं

वे बताती हैं कि वे रोजाना आठ घंटे दौड़ती थीं और शाम में वहां आर्मी बेस कैंप में ठहरती थीं. इससे पहले उन्होंने साल 2022 में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क उमलिंगा ला पर साइकिल से सफर तय कर पहली महिला साइकिलिस्ट बनीं. इस सफर को पूरा करने में सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर स्वर्गीय डॉ बिंदेश्वर पाठक का अहम योगदान रहा था. सबिता का सपना है कि वे माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराएं, जिसके लिए उन्हें सरकार और आम लोगों से मदद की आवश्यकता है.

नौकरी छोड़ अपने पैशन को किया फॉलो

सबिता बताती हैं कि वे एक आम घर से हैं. उनके पिता मछली विक्रेता हैं. ऐसे में उनके परिवार में लड़कियों को लेकर काफी सख्ती थी. उन्हें हमेशा से दुनिया को एक्सप्लोर करना था. यही कारण है कि उन्होंने टाटा स्टील में नौकरी छोड़ कर साइकिलिंग करने का मन बनाया. घरवालों के विरोध होने के बावजूद पटना एनसीसी, कम्यूनिटी ट्रैफिक पुलिस के धीरज कुमार और ब्रिगेडियर रणविजय सिंह के प्रोत्साहन पर उन्होंने साल 2017 में राज्य में साइकिल से भ्रमण करने की शुरुआत की.

सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई जगहों पर कर चुकी हैं चढ़ाई

साल 2017 में अकेले साइकिल से 173 दिनों में सभी 29 राज्यों को कवर करने वाली पहली महिला बनीं. साल 2016-2019 तक 7000 मीटर से ऊपर की कई पहाड़ों पर चढ़ाई की है. उन्होंने बताया कि वे दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क, उमलिंगा ला (19064 फीट) तक पहुंचने वाली पहली साइकिलिस्ट हैं. उन्होंने स्पीति में 320 किमी की दौड़ लगायी है.

कई और चोटियों पर कर चुकी है फतह

सबिता बताती हैं कि वो 2019 में माउंट त्रिशूल, गढ़वाल (7120 मीटर) पर चढ़ाई की. 2022 में उमलिंगा ला दर्रा का सफर साइकिल से तय किया. मैंने भारत के पश्चिमी मोर्चे से ढाका तक 5900 किलोमीटर तक साइकिल चलायी है. 5 सितंबर 2023 को मैं मनाली से समुद्र तल से उमलिंगा ला दर्रे (19024 फीट) तक 570 किमी दौड़ कर पहुंची हूं. मैं ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गयी हूं.

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