बिहार में सियासी उलटफेर के बाद एनडीए की सत्ता में वापसी हुई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. नयी सरकार बनने के बाद भाजपा कोटे से बने दोनों उपमुख्यमंत्री शनिवार को दिल्ली पहुंचे. वहीं रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ दोनों ने मुलाकात की है. बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तांवड़े व गृह मंत्री अमित शाह से भी दोनों उपमुख्यमत्रियों ने मुलाकात की और आपस में बातचीत की है.
रविवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से मिलने उनके आवास पहुंचे. दोनों का स्वागत किया गया. वहीं तीनों के बीच बातचीत भी हुई. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से मिलने भी दोनों नेता पहुंचे. भाजपा नेताओं की इन मुलाकात को बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार समेत अन्य मुद्दों से जोड़कर देखा जा रहा है. शनिवार को ही बिहार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया गया है. नयी सरकार में जदयू के पास 19 तो भाजपा के पास 23 विभाग हैं. दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा के पास अभी नौ-नौ मंत्रालय हैं. फिलहाल सीएम नीतीश कुमार के साथ शपथ लेने वाले 8 मंत्रियों के विभागों का कामकाज बांटा गया है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब फिर से विभागों का बंटवारा किया जाएगा.
#WATCH दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की। pic.twitter.com/IEO1vmMlvy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2024
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दिल्ली में बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री का भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात को मंत्रालय बंटवारे के ही नजरिए से देखा जा रहा है. वहीं राज्यसभा प्रत्याशियों के साथ ही एनडीए विधानसभा अध्यक्ष को लेकर भी आपसी सहमति बनाएगी. भाजपा की ओर से अब नए प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जाएगा. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में सचेतक और उपसचेतक के नाम पर भी चर्चा होने की संभावना है. बिहार भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा हो चुकी है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इसपर अंतिम फैसला लेगा.
गौरतलब है कि बिहार में सियासी समीकरण अब बदले है. जदयू और भाजपा फिर एकबार साथ आयी है और सूबे में एनडीए की सरकार बनी है. वहीं विधानसभा का बजट सत्र अब शुरू होने वाला है जिसमें एनडीए को फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुमत साबित करना होगा. भाजपा के दोनों उपमुख्यमंत्री का दावा है कि उनके पास स्पष्ट रूप से बहुमत है. निर्दलीय व हम पार्टी के समर्थन से वो और मजबूत हुए हैं. उन्हें बहुमत साबित करने में कहीं कोई समस्या नहीं आएगी.