बिहार के जिला अस्पतालों को मिला सात दिनों का टास्क, तेजस्वी यादव के निर्देश पर कराया गया था गैप असेसमेंट

तेजस्वी यादव के निर्देश के बाद जिला अस्पतालों को कहा गया है कि सात दिनों में जितने भी उपकरण खराब या बेकार पड़े हैं. उन्हें चिह्नित करते हुए अलग कर लिया जाये. आवश्यक उपकरण की सूची तैयार कर उसकी खरीद की दिशा में कार्रवाई की जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2022 6:15 AM
an image

बिहार में मरीजों के बेहतर इलाज को लेकर सभी जिला अस्पतालों को सात दिनों का टास्क सौंपा गया है. जिला अस्पतालों के अधीक्षक, उपाधीक्षक व अस्पताल प्रबंधकों को सात दिनों के अंदर जैविक कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा अस्पतालों में मौजूद सभी शौचालय की रिपेयरिंग भी करानी है. अस्पतालों के वार्ड, ओपीडी और शौचालयों में चकाचक सफाई रखने का टास्क सौंपा गया है. इससे गंदगी भी नहीं दिखेगी और बीमारियों का संक्रमण भी नहीं होगा.

अस्पतालों का गैप असेसमेंट

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सभी जिला अस्पतालों का गैप असेसमेंट कराया गया. असेसमेंट करने वाले पदाधिकारी गैप का असेस करके पटना लौट गये और जिला अस्पतालों को सात दिनों में तत्काल चेंज करने वाला टास्क सौंप आये हैं.

मिला सात दिनों का टास्क

मंत्री के निर्देश के बाद जिला अस्पतालों को कहा गया है कि सात दिनों में जितने भी उपकरण खराब या बेकार पड़े हैं, उन्हें चिह्नित करते हुए अलग कर लिया जाये. आवश्यक उपकरण की सूची तैयार कर उसकी खरीद की दिशा में कार्रवाई की जाये.

निबंधन काउंटर की संख्या बढ़ाने का निर्देश

जिला अस्पतालों को निबंधन काउंटर की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है, जिससे मरीजों को लंबी कतार में नहीं खड़ा होना पड़े. इसके अलावा अस्पतालों को दवा काउंटर की संख्या भी एक से अधिक करने का निर्देश दिया गया है. दवा के लिए भी लंबी कतार नहीं होनी चाहिए. मरीज अस्पताल से मिलने वाली मुफ्त दवा जल्द लेकर घर लौट जाये. अस्पतालों को खराब बिजली कनेक्शन को ठीक करना और पानी की सुविधा और बेहतर करने का टास्क दिया गया है.

Also Read: बिहार के कई विभागों को मिले नये निदेशक, सीएम के PS को मिली गृह विभाग में पोस्टिंग
अस्पतालों को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी

अस्पतालों को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है कि जिला अस्पताल में लैब में कौन-कौन सी जांच हो रही है, उसको डिस्प्ले किया जाये, जिससे मरीज को पता चले कि यहां कितने प्रकार की जांच होगी. साथ ही डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी का चार्ट भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए . अब पदाधिकारी जिला अस्पतालों के गैप की रिपोर्ट तैयार कर राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंपेंगे.

Exit mobile version