Bihar में डीएम का पावर 14 करोड़ बढ़ा, कमिश्नर की शक्ति भी 58 करोड़ से अधिक की हुई, जानें पूरा मामला
Bihar और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के मुआवजा देने के मामले में डीएम और कमिश्नर की आर्थिक शक्तियों को बढ़ा दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयत को मुआवजा देने के लिए डीएम के निर्णय लेने के पावर में 14 करोड़ की बढोतरी कर दी है.
Bihar और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के मुआवजा देने के मामले में डीएम और कमिश्नर की आर्थिक शक्तियों को बढ़ा दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयत को मुआवजा देने के लिए डीएम के निर्णय लेने के पावर में 14 करोड़ और कमिश्नर के पावर में करीब 34 करोड़ की बढोतरी कर दी है. एक जनवरी से प्रभावी व्यवस्था के तहत डीएम 23.573 करोड़ रुपये तक का एस्टीमेट निर्धारित कर सकेंगे. 23.573 से अधिक और 58.94 करोड़ तक के मामलों में प्रमंडलीय आयुक्त निर्णय लेंगे. हर नयी साल की पहली तारीख को इसमें 10 प्रतिशत की बढोतरी होगी.
केंद्र -राज्य सरकार की दर्जनों परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अधिगृहीत भूमि का प्राक्कलन और प्रतिकर राशि के निर्धारण आदि को लेकर जिला स्तर पर डीएम और प्रमंडल स्तर पर कमिश्नर का प्राधिकार है. जमीन का अधिग्रहण जिस परियोजना के लिए किया जा रहा है उस विभाग से पैसा लेकर रैयत को मुआवजा दिया जाता है.जमीन का कितना मुआवजा देना होगा, इसका प्राक्कलन प्राधिकार करता है. डीएम अभी तक 10 करोड़ का ही एस्टीमेट (अधिग्रहित भूमि का प्राक्कलन ) तैयार कर सकते थे. यानी मुआवजा राशि यदि 10 करोड़ से अधिक है, तो एस्टीमेट की जिम्मेदारी कमिश्नर के पास चली जाती थी. 25 करोड़ से अधिक के मामले सरकार देखती थी.
बिहार भू-अर्जन निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि सभी प्रमंडलीय आयुक्त – समाहर्त्ता को अधिगृहीत भूमि का प्राक्कलन – प्रतिकर राशि का अधिनिर्णय करने की अधिसीमा का पुनर्निर्धारण करने के संबंध में पत्र भेजा गया है. नयी व्यवस्था एक जनवरी 23 से लागू कर दी गयी है.