Bihar: DMCH में ह्रदय रोगियों को मिलेगी इकोकार्डियोग्राफी की सुविधा, जाने कैसे बचेगी मरीज की जान
दरभंगा के DMCH में भर्ती मरीजों को इकोकार्डियोग्राफी जांच के लिये अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इकोकार्डियोग्राफी जांच की जायेगी. इसका लाभ करीब दो हजार मरीजों को मिलेगा.
दरभंगा के DMCH में भर्ती मरीजों को इकोकार्डियोग्राफी जांच के लिये अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इकोकार्डियोग्राफी जांच की जायेगी. मेडिसीन व कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सक जरूरत पड़ने पर मरीजों की जांच करेंगे. विदित हो कि इससे पहले मरीजों को जांच कराने के लिये बाहर जाना पड़ता था. इसके लिये उन्हें शुल्क देना पड़ता था, लेकिन, अब यह सुविधा यहीं मिलेगी.
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगा नया मशीन
शुक्रवार को इसकी शुरूआत सिंहवाड़ा के बरिऔल निवासी मरीज सुमित्रा देवी की जांचकर की गई. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में यह मशीन लगायी गयी है. मौके पर मौजूद डीएमसी प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा ने बताया कि तत्काल यह सुविधा अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही मिलेगी. अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि इकोकार्डियोग्राफी मशीन लगने के बाद डीएमसीएच के मरीजों को बड़ी राहत मिली है. बताया कि यह जांच ह्रदय रोग से ग्रसित मरीजों के लिए काफी जरूरी है. मौके पर रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ संजय झा, कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ ज्योति कर्ण, सर्जरी विभाग के डॉ सुरेंद्र यादव आदि भी मौजूद थे.
मरीजों को होती थी समस्या
DMCH में रोजाना दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिये पहुंचते हैं. निकटवर्ती जिला सहित नेपाल के लोग बेहतर उपचार के लिये आते हैं. मेडिसिन व कार्डियोलॉजी विभाग में चिकित्सकों से परामर्श के बाद मरीजों को इको जांच की सलाह दी जाती थी. अस्पताल में यह सुविधा नहीं होने के कारण उनको परेशानी होती थी. बाहर प्राइवेट जांच घर में जाकर टेस्ट कराना पड़ता था. इसके लिये उनको तीन हजार से सात हजार तक रुपया देना पड़ता था, लेकिन अब उनका इको जांच नि:शुल्क अस्पताल में ही किया जायेगा. इससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को लाभ मिलेगा. जांच शुरू होने पर मरीज व परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है.
हृदय विकारों के लक्षण होने पर की जाती जांच
किसी भी मरीज को सांस लेने में कठिनाई, अतालता (अनियमित दिल की धड़कन), पैरों की सूजन, उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप, असामान्य ईसीजी परिणाम, हार्ट बड़बड़ाहट (दिल की धड़कन के बीच असामान्य आवाज) की स्थिति होने पर चिकित्सकों के द्वारा इकोकार्डियोग्राफी जांच की सलाह दी जाती है.