Bihar Driving Licence News: बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम में बदलाव किया जाएगा. यानी अब पहले की तरह आप ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकेंगे. इसके लिए अब आपको बदले हुए नियम का पालन करना होगा. दरअसल, अब एक कागजात की जरूरत आपको डीएल बनवाने के दौरान और पड़ेगी. बिहार मे सड़क दुर्घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग यातायात व्यवस्था में ये बदलाव कर रहा है. वहीं अब दलालों पर भी लगाम लगाने की तैयारी चल रही है. दूसरी ओर अब डेढ़ दर्जन से अधिक प्रमाण पत्रों को पाने के लिए आपको डीटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ें, इसकी भी तैयारी चल रही है. यानी अब आप घर बैठे ही कई प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही ले लेंगे. पटना जिला परिवहन कार्यालय की ओर से इसे लेकर अहम कदम उठाए गए हैं.
बिहार मे सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग यातायात व्यवस्था में लगातार बदलाव कर रहा है. इसी कड़ी मे विभाग बहुत जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय कॉमर्शियल या सामान्य वाहन चालक का नेत्र जांच कराएगा . यानी इसे हर उम्र के लोगों के लिए अनिवार्य किया जायेगा. वर्तमान की व्यवस्था को देखें तो अभी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने पहुंचे 40 से अधिक उम्र के लोगों से मेडिकल सर्टिफिकेट लेने का नियम है, लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए राज्यभर मे ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है. विभाग ने सभी जिलों को इस नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया है.
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विभागीय अधिकारियो के मुताबिक 40 की उम्र के बाद ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल कराते समय सरकारी डॉक्टरों का मेडिकल प्रमाणपत्र मान्य होगा. यानी अब आप केवल सरकारी डॉक्टर से ही सर्टिफिकेट लेकर आएंगे तो मान्य होगा. इसको लेकर भी जल्द ही विभाग नियम मे बदलाव करेगा. फिलहाल मेडकिल प्रमाणपत्र के नाम पर रिन्यूवल कराने वाले किसी भी चिकित्सक से लिखवा कर ले आते है या नही लाते हैं, तो भी दलाल के माध्यम से सब काम हो जाता है. इस कारण से विभाग ने यह निर्णय लिया है.
राज्य मे विभिन सड़को पर शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है. इसमे 37 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक शाम में सड़को पर रोशनी कम रहने और साइनेज की कमी के कारण गाड़ी चलाने में लोगो को परेशानी होती है, ऐसे में जिनकी आंखो की रोशनी कम होती है, उन्हे सबसे अधिक दिक्कत होती है और वह अचानक से गाड़ी को सीधे-सीधे ठोक देते हैं.परिवहन विभाग के निर्देश पर सड़क सुरक्षा के दौरान ट्रक, बस या किसी भी तरह की बड़ी गाड़ी चलाने वाले लोगो का नेत्र जांच शिविर लगाकर किया जाता है. हाल के दिनो मे जांच के दौरान राज्य भर मे लगभग दो प्रतिशत ऐसे लोग मिले, जिन्हे चश्मा की जरूरत थी और उन्हें पता तक नही था. इन्हें विभाग की ओर से चश्मा भी दिया गया और गाड़ी चलाते समय चश्मा पहनने का निर्दश भी दिया गया, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके.
दूसरी तरफ अब लोगों को एक और परिवहन से जुड़े 19 प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण के लिए डीटीओ आने की अब जरूरत नहीं होगी. पटना में जिला परिवहन कार्यालय की विशेष कार्य पदाधिकारी अरूणा कुमारी ने शुक्रवार को राज्य सूचना विज्ञान केंद्र को पत्र लिख 58 में से 19 प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन और सॉफ्टवेयर में मैपिंग के साथ अपडेट करने को कहा है. पत्र के अनुसार अगर राज्य सूचना विज्ञान केंद्र की ओर से इन कार्यों को पूरा कर लिया जाता है तो 19 कार्यों के लिए परिवहन कार्यालय जाने की जरूरत ही नहीं होगी. ये सभी काम घर बैठे आधार सत्यापन की मदद से स्वैच्छिक हो जायेंगे. इससे नागरिकों का वक्त तो बचेगा, साथ ही कार्यालय का बोझ भी कम होगा. इन सुविधा का लाभ के लिए कोई भी व्यक्ति वाहन, सारथी, और एम परिवहन के माध्यम से आवेदन कर सकता है. बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 24 अप्रैल में ही इन सुविधाओं के लिए विभाग को पत्र भेजा गया था.
डुप्लीकेट फिटनेस सर्टिफिकेट, ट्रांसपोर्ट सर्विस के रिकॉर्ड में फोन नंबर का बदलाव, ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल, लर्निंग लाइसेंस में पता का बदलाव, ड्राइविंग लाइसेंस में पता का बदलाव, कंडक्टर लाइसेंस में पता का बदलाव, लर्निंग लाइसेंस में नाम का बदलाव, ड्राइविंग लाइसेंस में नाम का बदलाव, कंडक्टर लाइसेंस में नाम का बदलाव, ड्राइविंग लाइसेंस में जन्म तिथि का बदलाव, लर्निंग और ड्राइविंग लाइसेंस में फोटो और सिग्नेचर का बदलाव, ओनरशिप ट्रांसफर आदि.