शिक्षा विभाग ने फिर बुलाई कुलपतियों की बैठक, अब तक की 5 मीटिंग में नहीं शामिल हुए एक भी विसी
आठ अप्रैल को शिक्षा विभाग ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में शामिल होने के लिए बिहार के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आमंत्रित किया गया है. वहीं, इससे पहले कुलपतियों की पांच मीटिंग बुला चुका है, जिसमें एक भी कुलपति शामिल नहीं हुए हैं.
बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक आठ अप्रैल को बुलायी है. यह बैठक विभाग की उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमार के कक्ष में होगी. इस बैठक में कुलपतियों से बैंक खातों के संचालन पर लगी रोक के संदर्भ में विमर्श किया जा सकता है. इससे पहले 20 मार्च को कुलपतियों ने राजभवन में हुई बैठक में अपनी समस्याओं को विस्तारपूर्वक रखा था, जिस पर इस बैठक में विचार-विमर्श किया जा सकता है.
शिक्षा विभाग ने इन 7 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया
इस बैठक में शामिल होने के लिए शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शुक्रवार को एक पत्र भेजा है. विभाग ने जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया है, उनमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, तिलकामांझी विवि , मगध विश्वविद्यालय, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय और अरबी-फारसी विवि शामिल है.
आठ अप्रैल को बैठक
कुलपतियों को लिखे पत्र में विभाग ने कहा है कि आपलोगों के पत्र माध्यम से राज्यपाल के प्रधान सचिव का ध्यान कई बिंदुओं पर आकृष्ट कराया गया है. उन बिंदुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए आठ अप्रैल को बैठक आयोजित की गयी है.
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खातों पर लगा रखी है रोक
दरअसल, कुलपतियों ने राजभवन को पत्र लिख कर अवगत कराया है कि बैंक खातों पर लगी रोक से हो रही असुविधाओं को देखते हुए पत्र लिखा था कि न केवल इनकम टैक्स दायर करने में दिक्कत आ रही है, बल्कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा आयोजन में बाधा आ रही है. जानकारी के मुताबिक यह बैठक इन मुद्दों पर विमर्श या राय विमर्श के लिए है.
शिक्षा विभाग की पिछली पांच बैठकों में नहीं शामिल हुए कुलपति
मालूम हो कि शिक्षा विभाग की पिछली पांच बैठकों में कुलपति शामिल नहीं हो रहे हैं. ऐसे में सब की नजर आठ अप्रैल पर होंगी कि इस बार कुलपति आते हैं या नहीं. इससे पहले 28 मार्च को एक बैठक शिक्षा विभाग द्वारा बुलाई गई थी. जिसमें कुलपतियों समेत अन्य पदाधिकारियों को शामिल होना था. इस बैठक में एक भी कुलपति नई आए थे.
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