Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से कई काम तरह के कार्य किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बच्चों को धाराप्रवाह पढ़ने की आदत दिलाने के लिए अब नए अभियान की शुरुआत की जाएगी. बच्चों को धाराप्रवाह पढ़ने की आदत दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे. इस संबंध में डीपीओ श्याम नंदन ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि बिहार के स्कूलों में पठन अभियान की शुरुआत बच्चों की पढ़ने की क्षमता को विकसित करने और उन्हें शब्दों पर बेहतर पकड़ बनाने के लिए आयोजित करायी जा रही है. इससे स्कूली बच्चों की समझ बढ़ने के साथ ही उनकी लेखनी भी बेहतर की जायेंगी. पढ़ने की क्षमता विकसित कराने के लिए कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इससे बच्चों को पढ़ने में आसानी आएगी. साथ ही उनका विकास भी होगा. बता दें कि सरकार की ओर से बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए लगातार कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार शिक्षा विभाग की ओर से नए अभियान की शुरुआत की जा रही है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें पढ़ने में बढ़िया होने और शब्दों पर बेहतर पकड़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से विशेष पठन अभियान का शुभारंभ होने जा रहा है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के सहयोग से स्कूलों के शिक्षकों को भी इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. विशेष पठन अभियान कक्षा एक से पांचवीं के बच्चों के लिए आयोजित किया जायेगा. पठन अभियान का नाम ‘पढ़ता बिहार, बढ़ता बिहार’ रखा गया है. राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में 13 अक्तूबर से पठन अभियान की शुरुआत की जायेगी. इस अभियान के तहत बच्चों के पढ़ने की क्षमता को देखा जायेगा. इसके लिए कक्षा तीन के बच्चों को 60 शब्द समझ के साथ पढ़ना आना चाहिए. वहीं, कक्षा दो के बच्चों को 45 से 60 शब्द समझ के साथ पढ़ना आना चाहिए. पठन अभियान के दौरान सर्वप्रथम उपरोक्त दक्षता की ही जांच की जायेगी. इसके बाद ही बच्चों को किताबें बेहतर ढंग से पढ़ने की आदत दिलाने के लिए अलग- अलग गतिविधी का आयोजन किया जाएगा.
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बिहार के स्कूली बच्चों की पढ़ने की क्षमता को देखने के बाद जिन बच्चों को किताबें पढ़ने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए विशेष अभियान की शुरुआत की जाएगी. उन्हें मुखर वाचन, समूह पठन, जोड़े बनाकर पढ़ाना, एकल पठन जैसी गतिविधियां आयोजित करा कर उनके पढ़ने की क्षमता को विकसित किया जाएगा है. इनके लिए प्रयास किए जाएंगे. इन गतिविधियों के लिए प्रतिदिन एक पीरियड का संचालन किया जायेगा. जिन बच्चों को किताबें पढ़ने में दिक्कत आएगी. उन्हें शब्दों से परिचित कराते हुए बच्चों के बीच प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी. यह गतिविधियां स्कूलों में 26 अक्तूबर से 28 दिसंबर तक आयोजित करायी जायेंगी. इसके साथ ही बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जारी निर्देश में यह भी बताया गया कि पठन अभियान के बाद भी अगर किसी बच्चे को पढ़ने में दिक्कत हो रही हो, तो आगे भी इस अभियान को जारी रखना होगा. बच्चों में पठन कौशल की निर्धारित दक्षता विकसित हो जाने तक पठन अभियान स्कूलों में जारी रहेगी. पठन अभियान के बाद 29 और 30 दिसंबर को प्रगति मूल्यांकन का आयोजन किया जायेगा.
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इधर, बिहार बोर्ड ने इंटर सेंटअप परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है. परीक्षा 30 अक्तूबर से शुरू होने जा रही है. बच्चों के लिए स्कूलों में 75 प्रतिशत की उपस्थिति भी अनिवार्य है. परीक्षा में वैसे ही विद्यार्थी शामिल होंगे, जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत होगी. विद्यार्थियों की उपस्थिति जानने के लिए परीक्षा समिति ने स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों को एक फॉर्मेट भेज दिया है. इसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करनी होगी. यह फॉर्मेट जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है.