बिहार के नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teacher) को विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद मिलने वाली सुविधाओं से जुड़ी कई बातें शिक्षा मंत्री ने सदन में कही. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद में कहा कि विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद भी अगर कोई सुविधा छूटती है तो सरकार उसे पूरा करेगी. इससे पहले इस मामले में शिक्षा से जुड़े विधान पार्षदों और विशेषज्ञों से बात करेंगे. उन्होंने यह बात प्रो संजय कुमार सिंह एवं अन्य विधान पार्षदों की तरफ से विधान परिषद में लाये गये ध्यानाकर्षण के जवाब में कही.
पोस्टिंग को लेकर जानिए क्या बाेले शिक्षा मंत्री..
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्यकर्मी बनने के बाद नियोजित शिक्षकों को तीन जिलों के विकल्प मिल रहे हैं. अगर वहां समुचित रिक्तियां हैं तो वहीं नियुक्ति मिलेगी. साफ किया कि च्वाइस के जिलों में रिक्तियों को भरने के क्रम में अगर मेरिट के आधार पर जगह नहीं बचती है तो शिक्षकों को च्वाइस के विपरीत दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जा सकता है.
शिक्षकों की पोस्टिंग दूर होने के मुद्दे पर सलाह..
इधर विधान पार्षदों खासतौर पर प्रो संजय कुमार सिंह , डॉ संजीव कुमार सिंह और महेश्वर सिंह ने पुरजोर मांग की कि 20 से 25 साल से एक ही जगह पर पढ़ा रहे शिक्षक का पदस्थापन पांच से छह सौ किलोमीटर दूर करने का क्या औचित्य है. इससे वह बेहतर ढंग से नहीं पढ़ा सकेगा. सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए. कोशिश करना चाहिए कि उन्हें उनकी च्वाइस के जिले या किसी निकटतम जिले में ही पदस्थापित किया जाये,ताकि वह अच्छे से हुए सालों में पढ़ा सकें. खासतौर पर एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि लंबे समय से एक ही स्थान पर पढ़ा रहे शिक्षकों का स्थानांतरण या उनका पदस्थापन दूरस्थ जिले में करना उचित नहीं है.
इन्हें सेवा में नहीं लिया जा सकता..
संजय पासवान की तरफ से लाये गये ध्यानाकर्षण का उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री चौधरी ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति निरसित बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद से कार्यमुक्त तदर्थ कर्मचारियों में से 123 कर्मियों की सेवा का सामंजन नहीं किया जा सकता है,क्योंकि इस मामले में कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है. इसलिए इन्हें सेवा में नहीं लिया जा सकता है.