बिहार में रामचरित मानस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में राजद विधायक रीतलाल यादव ने विवादित बयान दिया था कि रामचरित मानस मस्जिद में बैठकर लिखा गया था. इस पर उपजा बवाल अभी थमा भी नहीं था कि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बार फिर से बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं. इसके पुनर्लेखन की जवाबदेही भारत सरकार की है.
शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा है कि रामचरितमानस में कई आपत्तिजनक चीजें हैं. ऐसे में जो धर्म के रक्षक है ये उनकी जिम्मेदारी है कि उसका पुनर्लेखन करें. मेरी बातों का समर्थन मोहन भागवत भी कर रहे हैं. हालांकि, मानस में कई अच्छी बातें भी हैं और कई अच्छी चौपाइयां भी अच्छी है. हमदोनों को उसमें आपत्तिजनक बातें दिख रही है. ये लोग भारत सरकार को संचालित करने वाले लोग हैं. ऐसे में इनकी जवाब देही है कि ये किताब का पुनर्लेखन करें.
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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि तुलसी दास ने खुद अपने भ्रमण काल में लिखा है कि खइबो मस्जिद में सोबो. हालांकि, रामचरित मानस मस्जिद में लिखा गया है कि नहीं मैं नहीं देखा और न ही मेरा अनुसंधान वहां तक है. ये बात उनसे पूछिए जो नफरत फैलाने वाले हैं. शिक्षा मंत्री ने हमारी केवल वकालत है कि रामचरित मानस से कुछ आपत्तिजनक बातों को हटना चाहिए. राम मनोहर लोहिया, बाबा नागार्जुन, पं रामचंद्र शुक्ल ने अपने काल में इस बात को कहा है. इसमें मातृशक्ति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हैं. बड़ी आबादी जिसे मनुवाद ने शूद्र कहा है उसके खिलाफ अपमानजनक बातें हैं. मेरा मानना है कि केवल उन टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए. मैं ये बात लगातार कह रहा हूं.