बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, रामचरितमानस को बताया नफरत फैलाने वाला ग्रंथ

शिक्षा मंत्री ने कहा रामचरितमानस समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. फिर उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2023 11:11 PM
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नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के शिक्षा मंत्री ने विवादित बयान दिया है. बुधवार को बापू सभागार में आयोजित समारोह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने संबोधन के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.

मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया

शिक्षा मंत्री ने कहा यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. फिर उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की. आज के समय गुरु गोलवलकर के विचार समाज में नफरत फैला रहे हैं. मनुस्मृति को बाबा साहब आंबेडकर ने इसलिए जलाया कि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.

भाजपा के लोग अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे

शिक्षा मंत्री कार्यक्रम से निकलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने आठवीं कक्षा की पुस्तक में महाड़ आंदोलन की जगह महादलित आंदोलन लिखे जाने के सवाल पर कहा कि वह यही कहेंगे कि अंबेडकर ने महान आंदोलन किया. भाजपा के लोग जो सवाल उठा रहे हैं, वह अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं.

नागपुर से जुड़े लोग फैला रहे नफरत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मुहब्बत से बनेगा. नफरत से नहीं. देश में छह हजार से अधिक जातियां हैं और जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवारें हैं. जब तक ये समाज में मौजूद रहेंगी, भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि संघ नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं. हमलोग समाज में मुहब्बत फैलाने के लिए निकले हुए हैं. उन्होंने कहा कि किसी से न जाति पूछो और न किसी की जाति का पता लगाने की कोशिश करें और न ही अपनी जाति किसी को बताओ.

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शिक्षकों को जाति गणना में लगाना गलता नहीं

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जाति गणना में शिक्षकों को लगाना गलत नहीं है. समाज में वंचित तबके के बहुसंख्यक लोगों को काफी दबा कर रखा गया है. ऐसे में जाति गणना करा कर उन्हें उनका उचित सम्मान देने का सरकार काम करेगी. वहीं, जाति गणना के दौरान क्या वह अपनी जाति बतायेंगे, इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. शिक्षकों द्वारा जाति गणना कराये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी शैक्षणिक कार्य बंद हैं, ऐसे में जाति गणना कार्य करने में शिक्षकों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. अगर गणना में ड्यूटी है, तो वे स्कूल नहीं जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

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