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बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार कौन हैं? IPS अधिकारी रह चुके JDU नेता का जानिए सियासी सफर..

बिहार के नए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को जानिए. आइपीएस से राजनेता बने सुनील कुमार का सियासी सफर..

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 16, 2024 2:54 PM

Who is Sunil Kumar bihar new Education Minister: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. सुनील कुमार को बिहार का नया शिक्षा मंत्री बनाया गया है. शिक्षा मंत्री का नाम सामने आते ही बिहार में लोगों के बीच ये चर्चा शुरू हो गयी है कि सुनील कुमार कौन हैं जिन्हें शिक्षा विभाग की कमान सीएम नीतीश कुमार ने सौंपी है.

IPS अधिकारी रह चुके हैं सुनील कुमार

सुनील कुमार जदयू के विधायक हैं और गोपालगंज के भोरे सीट से जीतकर आए हैं. विधानसभा चुनाव 2020 में जीतकर पहली बार सुनील कुमार विधायक बने. बता दें कि राजनीति के मैदान में आने के पूर्व सुनील कुमार बिहार में डीजी के पद से रिटायर हुए. सुनील कुमार IPS अधिकारी रहे हैं. सुनील कुमार 1987 बैच के IPS अधिकारी रहे. वर्ष 2020 में ही सेवा से वो रिटायर हुए थे. पटना में जदयू नेता ललन सिंह की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली थी.

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पिता रहे मंत्री तो भाई भी रह चुके हैं विधायक

जदयू के मंत्री सुनील कुमार का राजनीति से पुराना नाता रहा है. सुनील कुमार के पिता स्वर्गीय चन्द्रिका राम बिहार सरकार में ही मंत्री के पद पर रहे. वहीं सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार भी भोरे सीट से जीतकर विधायक बन चुके हैं. कांग्रेस से टिकट लेकर वो चुनाव जीते थे. वहीं वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में यह सुरक्षित सीट माले के खाते में गयी तो एनडीए के लिए जदयू की ओर से उम्मीदवार बने सुनील कुमार ने माले उम्मीदवार को सीधी टक्कर में मात दी थी.

पहली बार जीतकर ही मंत्री बने थे सुनील कुमार

सुनील कुमार ने जब पहली बार विधानसभा चुनाव जीता तो उन्हें नीतीश कुमार ने मंत्रालय की बागड़ोर थमा दी. सुनील कुमार को नीतीश सरकार में मद्य निषेध व निबंधन विभाग का मंत्री बनाया गया था. जब बिहार में सियासी उलटफेर हुआ और महागठबंधन की सरकार सूबे में बनी तब भी सुनील कुमार के पास मद्य निषेध विभाग ही रहा. वहीं एनडीए की नयी सरकार सूबे में बनने के बाद जब अब तीसरी बार उन्हें मंत्री बनाया गया तो इसबार उन्हें शिक्षा विभाग का जिम्मा थमाया गया है.

मद्य निषेध के बाद अब शिक्षा विभाग की थाम रहे कमान

सुनील कुमार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भरोसेमंद नेता माना जाता है. नीतीश कुमार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करवाया और जब सुनील कुमार पहली बार जीतकर विधायक बने तो उन्हें ही मद्य निषेध विभाग की बागड़ोर थमायी गयी. सरकार में उलटफेर हुआ जरूर लेकिन सुनील कुमार ही इस विभाग के मंत्री बने रहे. वहीं जब अब सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है तो यहां भी सुनील कुमार को अब भेजा गया है. शिक्षा विभाग में आइएएस अधिकारी के के पाठक अपर मुख्य सचिव बनाए गए हैं और वो शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में अनवरत सक्रिय हैं. अब सुनील कुमार के पास भी बड़ा चैलेंज होगा.

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