किशनगंज में बिहार परियोजना परिषद द्वारा ली जारी सरकारी विद्यालय की सातवीं कक्षा की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र में अन्य देशों के नागरिकों को क्या कहा जाता है. इसी सूची में कश्मीर से जुड़ा प्रश्न होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है. प्रश्न संख्या एक में यह प्रश्न पूछा गया है कि चीन, नेपाल, इंगलैंड, इंडिया के नागरिकों को क्या कहा जाता है इसी में कश्मीर के नागरिकों को किया कहा जाता है. मामले में भाजपा ने हमला करते हुए कहा है कि यह प्रश्न देश की एकता व अखंडता को कलंकित करने वाला है तथा स्पष्ट है कि कश्मीर को भारत से अलग दिखाने की कोशिश की गयी है. यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकती है. ऐसे मामले में संबद्ध पदाधिकारी को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने कुछ भी बोलने से बचते दिखे. पूरे मामले पर आशा लता मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है की ऐसा होना नहीं चाहिए था.
पश्न पत्र पर सियासत शुरू
भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा की कश्मीर के लिए भारत के कितने मां की गोद सूनी हो चुकी है और एक साजिश के तहत बिहार में इस तरह का कृत किया जा रहा है. शिक्षा विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंकित सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है. मामले को हल्के में न लेते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए.
मामले में एक तरफ जहां भाजपा हमलावर है, वहीं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बढ़ते मामले के बीच घटना के जांच के आदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच होगी. जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.