लोगों पर बेअसर हो रहा एंटीबायोटिक, गंभीर मरीजों की जान को बचाना हो रहा मुश्किल
एंटीबायोटिक के गलत प्रयोग से बैक्टीरिया में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकसित होना चिंता की बात है.
पटना. एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल से मरीजों की परेशानी बढ़ रही है. यह मरीजों के लिए जानलेवा स्थिति का भी कारण बन रहा है. इसके गलत इस्तेमाल या जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक खाने से बैक्टीरिया में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है.
इसकी जानकारी मंगलवार को आइजीआइएमएस के डॉक्टरों ने दी. यहां मरीजों को एंटीबायोटिक के खतरों के प्रति आगाह करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसे वर्ल्ड एंटीबायोटिक अवेयरनेस वीक के अवसर पर किया गया था.
इसमें आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के बाद ही उचित एंटीबायोटिक, सही समय के लिए और सही मात्रा में लेना चाहिए.
एंटीबायोटिक के इस्तेमाल को लेकर मरीजों से लेकर डॉक्टरों तक को जागरूक करने की जरूरत है. इसका गलत इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है.
इस अवसर पर आइजीआइएमएस माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नम्रता कुमारी ने कहा कि एंटीबायोटिक के गलत प्रयोग से बैक्टीरिया में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकसित होना चिंता की बात है.
इसके कारण गंभीर मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है. एक अध्ययन में पाया गया कि एक आइसीयू में 22 मरीज भर्ती थे.
इन सभी में सुपर बग डेवलप कर गया, जिनमें से 12 को ही बचाया जा सका . जिनकी मौत हुई उन्हें डॉक्टरों ने जरूरी दवाएं दीं, लेकिन उन दवाओं का असर उन पर नहीं हो पाया.
Posted by Ashish Jha