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बिहार इलेक्शन 2020 : चुनावी माहौल बदलने के लिए सियासी दलों ने लिया गीतों का सहारा, मनोज तिवारी पर बीजेपी को भरोसा

Campaign Songs To Attract Voters In Bihar Chunav 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है, ऐसे में भाजपा ने भी सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रति मतदाताओं को रिझाने के लिये दिल्ली से अपने सांसद एवं भोजपुरी गायक मनोज तिवारी की गायिकी का अब सहारा लिया है. पार्टी ने अपने नये चुनावी गीत के तौर पर ‘सुनअ हो बिहार के भैया, दीदी-चाची सब रहवैया' बुधवार को पेश किया, जो अभिनेता मनोज वाजपेयी की दशक भर पहले आई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर' के गाने ‘जियअ हो बिहार के लाला...' की तर्ज पर है.

By Agency | October 21, 2020 9:38 PM
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पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिये राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है, ऐसे में भाजपा ने भी सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रति मतदाताओं को रिझाने के लिये दिल्ली से अपने सांसद एवं भोजपुरी गायक मनोज तिवारी की गायिकी का अब सहारा लिया है. पार्टी ने अपने नये चुनावी गीत के तौर पर ‘सुनअ हो बिहार के भैया, दीदी-चाची सब रहवैया’ बुधवार को पेश किया, जो अभिनेता मनोज वाजपेयी की दशक भर पहले आई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के गाने ‘जियअ हो बिहार के लाला…’ की तर्ज पर है.

दिलचस्प है कि मूल गीत लिखने वाली स्नेहा खानविल्कर की सेवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनाव प्रचार टीम ने 2015 के विधानसभा चुनाव में ली थी, जब उन्होंने ‘‘फिर से नीतीश कुमार हो…” गीत बनाया था. वह चुनाव जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन के तहत लड़ा था और सत्ता में आसानी से वापसी की थी. हालांकि, कुछ समय बाद नीतीश फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौट गये थे.

मूल गीत की धुन को बरकरार रखते हुए तिवारी ने नये गीत में मतदाताओं को याद दिलाया है कि वह चाहते हैं कि वे जदयू प्रमुख का समर्थन करें. नया गीत करीब आठ मिनट का है. इसमें तिवारी ने राजग (NDA) शासन के तहत राज्य में हुई प्रगति का वर्णन किया है. उन्होंने यह भी कहा कि इतनी उपलब्धियों के बावजूद यदि कोई यह कहता है कि ‘‘बिहार में का बा…” तो उस व्यक्ति को अपने चश्मे की जांच करवाने की जरूरत है.

उल्लेखनीय है कि तिवारी के ही कैमूर जिले से आने वाली लोक गायिका और ‘‘बिहार में का बा…” गीत के जरिये सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सनसनी बनीं नेहा सिंह राठौड़ ने अपने गीतों के माध्यम से 15 साल के सुशासन के बावजूद काफी कुछ किया जाना अभी बाकी रह जाने की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. हाल ही में जारी अभिनेता मनोज वाजपेयी के गीत ‘‘मुंबई में का बा…” ने नेहा को इस गीत के लिये प्रेरित किया.

नेहा अपने स्मार्ट फोन पर खुद ही गीत रिकार्ड करती हैं और उसे सोशल मीडिया पर डालती हैं. नेहा ने गीतों के जरिये बेरोजगारी सहित अन्य कई ज्वलंत मुद्दों को उठाया है. नेहा किसी पार्टी से अपना जुड़ाव नहीं रखते हुए और ना ही किसी पार्टी के पक्ष को रखते हुए भी आम आदमी और समाज से जुड़े मुद्दों को गीतों के जरिये उठा रही हैं. इस महीने की शुरुआत में ‘‘बिहार में का बा…” गीत सोशल मीडिया पर हिट हो जाने के बाद राजद नीत विपक्ष ने सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ इसके सहारे हमला बोलने का कोई मौका नहीं गंवाया.

उल्लेखनीय है कि लोजपा नेता चिराग पासवान बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो गये हैं. बिहार में कथित भ्रष्टाचार और विकास के अभाव सहित कई मुद्दों को लेकर चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रुख रखे हुए हैं और उनकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. वहीं, भाजपा की चुनाव प्रचार टीम ने पलटवार करते हुए सिलसिलेवार वीडियो जारी कर ‘‘बिहार में ई बा…” टैग लाइन के साथ राज्य में राजग सरकार की उपलब्धियों को गिनाया है.

बिहार की उभरती हुई एक अन्य लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अपने गीत ‘मिथिला में की नै छै’ से राठौर के ‘का बा’ गाने का जवाब देते हुए राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों का गुणगान किया है. हालांकि, यह अटकलें लगायी जा रही हैं कि संभवत: कोई राजनीतिक झुकाव नहीं रखने वाली ठाकुर से भगवा पार्टी ने इसके लिये संपर्क साधा था.

हालांकि, नेहा ने जन सरोकार से जुड़े मुद्दे उठाने के लिये अपने गीतों को और धारदार बनाया और कोरोना वायरस महामारी के चलते बढ़ी बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठा कर राजग समर्थकों की दुखती रग पर हाथ रख दिया. ऐसा कहा जा रहा है कि नेहा का भोजपुरी गीत ‘‘रोजगार देबअ कि करबअ ड्रामा, कुर्सी तोहार बाप के ना हा….” (रोजगार देंगे या नाटक करेंगे, कुर्सी आपके बाप की नहीं है), राज्य के युवाओं के मिजाज को प्रदर्शित कर रहा है, हालांकि चुनाव नतीजों पर इसका असर देखा जाना अभी बाकी है.

बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को है, दूसरे चरण का तीन नवंबर को और तीसरे चरण का चुनाव सात नवंबर को है. मतगणना 10 नवंबर को होगी.

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Upload By Samir Kumar

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