Bihar Assembly Election 2020: कभी 10 हजार वोट पर बन जाते थे विधायक, आज 50 हजार आने पर भी संकट, जानें वजह..
Bihar Assembly Election 2020: क्या आप जानते हैं कि कभी विधानसभा के उम्मीदवार 10-11 हजार वोट लाकर आसानी से विधायक बन जाते थे. जबकि, मौजूदा समय में 50 हजार से अधिक वोट लाने पर भी जीत की गारंटी नहीं मिल पाती है. जी हां, आजादी के बाद 1952 में हुए प्रथम विधानसभा चुनाव और विगत 2015 में हुए आम चुनाव की तुलना करें तो कमाबेश प्रत्येक बिंदु पर जमीन-आसमान का फासला नजर आयेगा. वर्तमान में मतदाताओं की संख्या पांच-छह गुणा अधिक बढ़ गयी है.
Bihar Assembly Election 2020: बिभांशु, बांका: क्या आप जानते हैं कि कभी विधानसभा के उम्मीदवार 10-11 हजार वोट लाकर आसानी से विधायक बन जाते थे. जबकि, मौजूदा समय में 50 हजार से अधिक वोट लाने पर भी जीत की गारंटी नहीं मिल पाती है. जी हां, आजादी के बाद 1952 में हुए प्रथम विधानसभा चुनाव और विगत 2015 में हुए आम चुनाव की तुलना करें तो कमाबेश प्रत्येक बिंदु पर जमीन-आसमान का फासला नजर आयेगा. वर्तमान में मतदाताओं की संख्या पांच-छह गुणा अधिक बढ़ गयी है.
पांच गुना वोट का अंतर
बांका विधानसभा की बात करें तो 1952 हुए चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या 41606 थी. आज इसी विधानसभा में वोटरों की ढाई लाख से अधिक हो गयी है. सीधे पांच गुना वोट का अंतर है. अगर 1952 में बांका विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो कांग्रेस के राघवेंद्र सिंह 11619 वोट लाकर विजयी हो गये थे. 2015 में बांका के विजेता प्रत्याशी को 50 हजार से अधिक यानी 52379 वोट लानी पड़ी थी. हालिया चुनाव नतीजे से साफ हो गया है कि किसी भी प्रत्याशी को विनर और रनर की भूमिका में आने के लिए 50-60 हजार से अधिक मत लाना ही अनिवार्य हो गया है. हालांकि, जीत-हार का फासला यहां कभी-कभी दो-चार हजार मत में ही हो जाता है. आइये जानते हैं 1952 और 2015 चुनाव के परिणाम.
उस समय भी उम्मीदवारों की लगती थी झड़ी
बांका विधानसभा में अबकी 28 अभ्यर्थियों ने नामांकन दाखिल किया था. नौ का पर्चा रद्द हो गया है. अब मैदान में 19 प्रत्याशी डटे हुए हैं. इनमें निर्दलीय की संख्या भी काफी है. नतीजा यह है कि डबल इवीएम का इंतजाम करना पड़ा. हालांकि, 1952 हुए प्रथम चुनाव में भी चुनाव लड़ने का क्रेज कम नहीं था. भले ही प्रचार के संसाधन काफी सीमित थे. परंतु, नेता अक्सर चुनाव में हाथ आजमा आते थे. 1952 के चुनाव में बांका से कुल आठ उम्मीदवार मैदान में खड़े थे. इसमें कई निर्दलीय प्रत्याशी भी थे.
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1957 चुनाव की एक झलक (बांका विधानसभा)
मतदाता की संख्या- 41606
कुल मतदान- 22579
प्रतिशत-54
टॉप फाइव उम्मीदवार व प्राप्त मत
कांग्रेस- राघवेंद्र सिंह – 11619
निर्दलीय- जोगेंद्र प्रसाद- 3555
सपा- अनिरुद्ध प्रसाद- 3398
निर्दलीय- छेदी देव- 1344
एफबीएल (एमजी)- गंगा सिंह – 1063
2015 चुनाव परिणाम (बांका विधानसभा)
मतदाता की संख्या- 235691
कुल मतदान- 136746
प्रतिशत- 58
टॉप फाइव उम्मीदवार और प्राप्त मत
भाजपा- रामनारायण मंडल- 52379
राजद- जफरुल होदा- 48649
बसपा- अजीत कुमार सिंह- 16548
निर्दलीय- मनोज सिंह- 5191
निर्दलीय- दिगंबर मंडल- 4071
Posted by : Thakur Shaktilochan