Bihar Election 2020 : बिहार में एनडीए गठबंधन के दल खेल रहे हैं ‘कोना-कोना’ : कन्हैया कुमार
CPI Leader Kanhaiya Kumar Attack on NDA बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर चुटकी लेते हुए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने यहां कहा कि दुर्भाग्य से राज्य में 15 वर्ष पहले जो मुद्दे प्रासंगिक थे, वे मुद्दे आज भी बने हुए हैं और सत्तारूढ़ गठबंधन ‘हेडलाइन मैनेजमेंट' कर जनता के असली मुद्दों और बुनियादी सवालों से ध्यान बांटने में लगा है.
पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर चुटकी लेते हुए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने यहां कहा कि दुर्भाग्य से राज्य में 15 वर्ष पहले जो मुद्दे प्रासंगिक थे, वे मुद्दे आज भी बने हुए हैं और सत्तारूढ़ गठबंधन ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ कर जनता के असली मुद्दों और बुनियादी सवालों से ध्यान बांटने में लगा है.
कन्हैया कुमार ने कहा कि आज सत्ता पक्ष एजेंडा तय कर रहा है, विपक्ष उस पर प्रतिक्रिया दे रहा है और बिहार चुनाव में भी यही चल रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपना एजेंडा तय करना चाहिए.
गौरतलब है कि भाकपा राज्य विधानसभा चुनाव में विपक्षी राजग नीत महागठबंधन का हिस्सा है. भाकपा राज्य में सीटों के बंटवारे के तहत छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कन्हैया कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव बेगूसराय से लड़ा था. हालांकि, वे भाजपा नेता गिरिराज सिंह से पराजित हो गये थे. कन्हैया कुमार फिलहाल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उनका नाम भाकपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है और इन दिनों वे प्रचार अभियान के तहत बिहार आये हुए हैं.
कन्हैया कुमार ने ‘‘भाषा” से साक्षात्कार में कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर या राज्य स्तर पर आम लोगों के बुनियादी सवालों के आधार पर ही गठबंधन बनने चाहिए. लेकिन, बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए की स्थिति यह है कि कौन सा दल किसके साथ है और कौन किसके खिलाफ हैं. यह पता ही नहीं चलता. बिहार में एनडीए गठबंधन के दल ‘कोना-कोना’ खेल रहे हैं.”
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी बिहार चुनाव से पहले राजग से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ रही है. लोजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व के खिलाफ है, लेकिन उसका रुख भाजपा विरोधी नहीं है.
जदयू-भाजपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ करके जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है. चाहे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार का सवाल हो अथवा रोजी-रोटी-कपड़ा-मकान का विषय हो या किसी भी जाति के आत्मसम्मान का सवाल हो, न इनका समाधान निकला और न चर्चा हो रही है.
भाकपा नेता ने कहा ‘‘आज सत्ता पक्ष एजेंडा तय कर रहा है और विपक्ष उस पर प्रतिक्रिया दे रहा है. आज यही वास्तविकता है, जबकि विपक्ष को अपना एजेंडा तय करना चाहिए था.” जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ बिहार में इस चुनाव में भी यही चल रहा है.” बिहार में राजग गठबंधन पर अंतर्द्वंद्व से घिरे होने का आरोप लगाते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि राजद, कांग्रेस और वामदलों का गठबंधन इस विषय पर केंद्रित है कि राज्य में जो सरकार है, उसे हटाना है.
नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने का वादा पूरा नहीं हुआ, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को लागू नहीं किया गया तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बुनियादी सवालों का समाधान नहीं निकला. नीतीश कुमार सरकार पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ जो मुद्दे 15 साल पहले थे, वे मुद्दे आज भी बने हुए हैं.”
भाकपा नेता ने कहा कि बिहार में बदलाव चाहने वाले दल एक तरफ हैं और पुरानी व्यवस्था कायम रखने वाले दल दूसरी तरफ हैं और जनता को बदलाव के पक्ष में मतदान करना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन के नेता के रूप में तेजस्वी यादव क्या उन्हें स्वीकार्य हैं, कन्हैया कुमार ने कहा, ‘‘ यहां नेता नहीं बल्कि नीति का सवाल है, तेजस्वी यादव प्रतिपक्ष के नेता है और राजद महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है. तो वे (तेजस्वी) उस गठबंधन के नेता होंगे ही, इस पर कहां कोई सवाल है.”
उन्होंने कहा ‘‘हम नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री तो वही हैं.” केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर 2019 तक, भाजपा के घोषणापत्र में बदलाव के अनेक वादे किये गये, लेकिन वे पूरे नहीं हुए. उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ रोजगार नहीं दिये गये, भ्रष्टाचार नहीं रुका और बदलाव के नाम पर पुरानी जर्जर व्यवस्था को ही आगे बढ़ाया गया.
Upload By Samir Kumar