पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को बुधवार को उस वक्त एक और झटका लगा जब उनके एक प्रमुख सहयोगी माधव आनंद ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के बसपा के साथ जुड़ने पर नाराजगी जताते हुए अपना रास्ता अलग कर लिया. रालोसपा के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि पार्टी ने गलत कदम उठाकर अपने आस्तित्व समाप्ति का जोखिम उठाया है, और इसलिए वह अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दोनों त्याग रहे हैं.
माधव आनंद ने कहा, “मैं किसी व्यक्तिगत कटुता के कारण नहीं जा रहा हूं. मैं 2017 में पार्टी में शामिल हुआ था और तब से इसे सींचने करने की कोशिश की है. लेकिन, दुर्भाग्य से रालोसपा द्वारा चुना गया रास्ता ही इसे नाश कर देगा. मेरा उद्देश्य, बिहार की राजनीति में बदलाव लाना है, और ऐसी परिस्थितियों में इसे हासिल नहीं किया जा सकता.”
गौरतलब है कि विपक्षी महागठबंधन में क्षुब्ध चल रहे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशवाहा ने बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के साथ मिलकर मंगलवार को एक नये मोर्चे के गठन की घोषणा की. माधव आनंद ने सोमवार की रात राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से उनके आवास जाकर मुलाकात की थी. उसके बाद से ही उनके रालोसपा छोड़ राजद में शामिल होने की अटकलें लगनी शुरू हो गयी थी.
इस मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा था, ‘‘लालू जी और उनके परिवार के साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध हैं. तेजस्वी के साथ मेरी शिष्टाचार मुलाकात भेंट थी. मैं भविष्य के राजनीतिक कदम की घोषणा जल्द करूंगा.” माधव आनंद से पहले 28 सितंबर को रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी पाला बदलकर राजद में शामिल हो गए थे.
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