RJD LJP Alliance After Bihar Chunav 2020 Result राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिलने की उम्मीद जताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार बनने के बाद युवाओं को नौकरियां देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी तथा विधानसभा के पहले सत्र में केंद्रीय कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक पारित किया जायेगा.
महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने यह भी कहा कि वह विधानसभा चुनाव में मुद्दा आधारित प्रचार अभियान चला रहे हैं. जिससे जनता खुद को जोड़ पा रही है और 10 नवंबर को मतगणना वाले दिन ‘बिहार एक नये सवेरे का साक्षी बनेगा.’ तेजस्वी यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि इतिहास में पहली बार बिहार के युवाओं से यह वादा किया गया है कि कैबिनेट की पहली बैठक में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां दी जायेंगी.
यह पूछे जाने पर कि वह 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के कितनी सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान जो जनसमर्थन मिल रहा है, उससे यह विश्वास मिलता है कि हमें बिहार की महान जनता का आशीर्वाद है और उन्होंने हमें बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है.”
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उम्मीद जतायी कि इस चुनाव में महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिलेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘मैं आपको विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ज्यादातर सीटों पर राजग उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी. 10 नवंबर को आइए, बिहार एक नये सवेरे का साक्षी बनेगा.”
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के मुताबिक, सत्ता में आने के बाद उनकी पहली सबसे बड़ी प्राथमिकता युवाओं को नौकरियां देने की होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार एक जिम्मेदार सरकार होगी जो एक प्रतिक्रियाशील प्रशासन देगी. रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग ऐसे क्षेत्र जिनकी नीतीश कुमार के 15 वर्षों के शासन में उपेक्षा की गयी, हम इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और कायापलट करेंगे.”
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ चुनाव बाद गठबंधन की संभावना से जुड़े प्रश्न के उत्तर में तेजस्वी यादव ने कहा कि पासवान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा के साथ हैं और नीतीश की जगह भाजपा का मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
एआईएमआईएम, बसपा और रालोसपा के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा राजनीतिक जागरुकता है तथा भाजपा के इन ‘ए, बी, सी पैराशूट गठबंधनों’ का इस चुनाव में कोई असर नहीं होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बनने के बाद वह भी पंजाब की तरह केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक लायेंगे तो यादव ने कहा, ‘‘हां, निश्चित तौर पर हम विधानसभा के पहले सत्र में विधेयक लायेंगे जो इन तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभवी करेगा. यह हमारे महागठबंधन के घोषणापत्र में भी है.”
राजद नेता ने यह दावा भी किया कि जनता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर घोर नाराजगी है और यह स्थिति उनकी ‘सत्ता की लालसा और कोरोना महामारी के समय बेरोजगारों, मजदूरों और गरीबों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये’ के कारण पैदा हुई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार करने से एनडीए को फायदा मिलेगा तो तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की 12 करोड़ से अधिक जनता ने तय कर लिया है कि उन्हें बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई जैसे जीवन के असल मुद्दों पर वोट करना है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और वाम दल मिलकर चुनाव मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो राजद 144 और वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा. जबकि, मतगणना 10 नवंबर को होगी.
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