Bihar Assembly Election (Vidhan Sabha Chunav) 2020 : कहते हैं कुछ नाम ऐसे होते हैं जिसके बिना जिंदगी अधूरी रहती है. कुछ ऐसा ही बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भी देखने को मिल रहा है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भले ही शारीरिक तौर पर चुनावी अखाड़े में हुंकार भरते नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन उनके विपक्षी बिना उनका जिक्र किए एक भी चुनावी रैली (Bihar election rally) संबोधित नहीं कर रहे हैं.
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से लेकर सुशील मोदी, जेपी नड्डा सहित सभी एनडीए (NDA News) के प्रत्याशी लालू नाम लिए बगैर सियासी दंगल नहीं जीतना चाहते हैं. क्या एनडीए क्या महागठबंधन (Mahagathbandhan) चुनावी धुरी में तो लालू बिल्कुल उसी तरह हैं जैसे ‘समोसे में आलू और बिहार में लालू हमेशा रहेगा’.
बिहार में चुनाव है. कद्दावर नेता लालू प्रसाद यादव रांची की जेल में चारा घोटाले के मामले में सजा काट रहे हैं. उनकी मौजूदगी प्रचार में नहीं है और हर पार्टी लालू-लालू कर रही है. कहने का मतलब है जेल में सजा काट रहे लालू यादव का जलवा चुनाव में खूब देखा जा रहा है. चुनावी समर में उतरे तमाम नेता लालू यादव का नाम लेकर एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं.
बिहार में लालू यादव ऐसे नेता हैं जिनका ठेठ-गंवई अंदाज लोगों को काफी भाता रहा है. प्रचार के दौरान लालू यादव अपनी खास स्टाइल में भाषण देकर खूब वाह-वाही बटोरते रहे हैं. बिहार की सत्ता पर काबिज रहने के दौरान लालू यादव कहा करते थे ‘जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक बिहार में रहेगा लालू.’ आज उनकी गैर-मौजूदगी में भी उनकी ही बातें हो रही हैं. चुनाव प्रचार में हर नेता का ‘लालू राग’ जारी है.
बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच बीजेपी और जेडीयू का चुनावी अभियान तेज हो चुका है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी लालू प्रसाद यादव का नाम लेने से नहीं चूक रहे. भले ही बात ‘जंगलराज’ की हो. हर रैली में जेपी नड्डा की जुबां से लालू यादव का नाम सुनने को मिल रहा है. इसी तर्ज पर सीएम नीतीश कुमार प्रचार कर रहे हैं. 15 साल की याद दिलाकर लालू के नाम को दोहरा रहे हैं.
खास बात है कि लोजपा भी नीतीश कुमार के साथ लालू यादव का जिक्र कर रही है. लोजपा के मुताबिक बिहार में लालू यादव के राज में कुछ नहीं हुआ तो सीएम नीतीश कुमार का सात निश्चय भी बेकार साबित हो गया. उपेंद्र कुशवाहा की ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर एलायंस, जीतनराम मांझी की हम हो या पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लुरल्स पार्टी, सभी की जुबां पर कहीं ना कहीं लालू यादव के शासन से जुड़ा बयान जरूर है.
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जेल में सजा काट रहे लालू यादव भी बिहार के चुनावी समर में बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे हैं. उनकी बात को जनता के सामने ट्विटर से रखा जा रहा है. लालू यादव के ऑफिशिएल ट्विटर हैंडल से ठेठ गंवई अदाज में हमले किए जा रहे हैं. नीतीश सरकार से सवाल भी पूछे जा रहे हैं. कहने का मतलब है कि बिहार चुनाव के प्रचार में लालू यादव मौजूद नहीं हैं और हर तरफ उनका ही बोलबाला दिखने को मिल रहा है.
Posted : Abhishek.