गया/नवादा . नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनावी सभाओं में नीतीश पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चाचा 15 साल बिहार चलाते-चलाते अब थक गये हैं. अब चाचा को आराम करना चाहिए और बिहार की कमान युवा नेताओं के हाथों में दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो राज्य में जात-पांत की राजनीति खत्म करने के साथ-साथ युवाओं की बेरोजगारी दूर की जायेगी. तेजस्वी ने कहा कि 15 साल से ठगने वाली सरकार की 10 नवंबर को विदाई तय है. उनकी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख युवकों को नौकरी दी जायेगी.
नियोजित शिक्षकों की समान काम के बदले समान वेतन की मांग को पूरा किया जायेगा. इसके साथ आशा व विकास मित्र को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि नयी सोच का युवा हूं और इसी सोच के साथ विकास के मुद्दे पर काम किया जायेगा. जात-पांत की राजनीति नहीं, बल्कि सभी जाति और धर्म के लोगों के साथ मिल कर काम किया जयेगा.
15 वर्षों से नीतीश कुमार व सुशील कुमार मोदी की सरकार चल रही है. इसके बाद भी महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम सीमा पर है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस प्रकार प्रवासी मजदूरों के साथ बिहार सरकार ने व्यवहार किया. उसकी सजा चुनाव में मतदाता जरूर देंगे. 40 लाख प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान पैदल ही अपने घर की ओर पलायन कर चुके थे.
बिहार सरकार के द्वारा उनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया. उन आंसू का बदला यहां की मतदाता जरूर लेगी. नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार का ही परिणाम है कि पुल उद्घाटन होने से पहले ही टूट जा रहा है. सरकारी थाने में शराब की बोतलें चूहे पी जा रहे हैं.
सरकार का शराबबंदी दावा खोखला साबित हो रहा है. आप जहां भी जाइए, वहां आपको आसानी से शराब हाजिर हो जायेगी और यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि जब कोरोना महामारी से त्रस्त होकर बिहार के बेरोजगार भाई दूसरे प्रदेशों से पैदल आ रहे थे, तो तब हमारे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को सांप सुंघ गया था. वह एक दिन भी बाहर नहीं निकले. सरकार ने रोजगार देने की बात कही, जो झूठ साबित हुई और लोग फिर से पलायन हो रहे हैं.
Posted by Ashish Jha