अनुराग शरण, सासाराम : दिनारा विधानसभा सीट के लिए इस बार भी चुनावी मुकाबला कड़ा होगा. एक तरफ जदयू कोटे से सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह हैं, तो दूसरी तरफ से भाजपा से लोजपा में आये राजेंद्र सिंह. दोनों के बीच मुकाबला इसलिए भी रोचक है, क्योंकि 2015 विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच कड़ी टक्कर थी. उस चुनाव में जय कुमार बतौर जदयू प्रत्याशी और राजेंद्र सिंह भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे.
इसमें जय कुमार सिंह को 43 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जबकि राजेंद्र सिंह ने कड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में 41 प्रतिशत मत हासिल किया था. राजेंद्र सिंह महज दो प्रतिशत के अंतर से पिछड़ गये थे. बीते चुनाव में दोनों के बीच कड़ी टक्कर को ही लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार दोनों के बीच मुकाबला काफी कड़ा होगा. जय कुमार सिंह के लिए अपनी सीट बचाने की चुनौती होगी, तो राजेंद्र सिंह के लिए सीट पर जीत की.
बिहार सरकार में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह का राजनीति सफर रोहतास जिले के शिवसागर उत्तरी जिला पर्षद क्षेत्र से शुरू हुआ है. वह वर्ष 2001 में जिला पर्षद का चुनाव जीते थे. पेशे से इंजीनियर सह ठेकेदार जय कुमार सिंह जिला पार्षद चुने जाने के बाद राजपूत नेता के रूप में उभरे. उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2005 फरवरी में जनता दल यूनाइटेड उम्मीदवार के रूप में बिक्रमगंज विधानसभा सीट से लड़ा और हार गये थे. इसके बाद उसी वर्ष अक्तूबर माह में हुए चुनाव में इसी सीट से जदयू के ही टिकट पर लड़े और पहली बार विधायक बने.
इसके बाद परिसीमन में बिक्रमगंज विधानसभा क्षेत्र समाप्त हो गया और वह दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जदयू उम्मीदवार के रूप में 2010 में चुनाव लड़े और विजयी हुए. पुन: वर्ष 2015 में दूसरी बार दिनारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और कुल तीन बार लगातार विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया. हालांकि 2015 के चुनाव में भाजपा के राजेंद्र सिंह ने इन्हें कड़ी टक्कर दी थी. अंतत: जीत जय कुमार सिंह की हुई और एक बार फिर जदयू से ही जय कुमार सिंह और भाजपा से लोजपा में आ गये राजेंद्र सिंह के बीच टक्कर होने की संभावना है.
2014 लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड से चर्चित हुए राजेंद्र सिंह भाजपा के चुनावी रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाले राजेंद्र सिंह मूलत: दिनारा प्रखंड के निवासी हैं. बिहार में पार्टी को और मजबूत करने के लिए भाजपा ने इन्हें प्रदेश महामंत्री का पद दिया. बिहार चुनाव में राजेंद्र सिंह भाजपा के केंद्रीय टीम में भी शामिल थे. वर्ष 2015 में भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के जय कुमार सिंह के विरुद्ध चुनाव में उतारा.
मृदुभाषी राजेंद्र सिंह ने इस चुनाव में जय कुमार सिंह को कड़ी टक्कर दी. जय कुमार सिंह को 43 प्रतिशत वोट मिला, तो उससे दो प्रतिशत कम राजेंद्र सिंह को 41 प्रतिशत वोट मिला और वह चुनाव हार गये. चुनाव हारने के बावजूद वह दिनारा में पांच वर्षों तक डटे रहे और जनता की सेवा में लगे रहे. पार्टी से इस्तीफा देने से पहले वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे. इस चुनाव में गठबंधन के कारण भाजपा ने उन्हें दिनारा से टिकट नहीं दिया, तो पार्टी से बगावत कर बैठे और लोक जनशक्ति पार्टी से टिकट लेकर चुनाव मैदान में आ डटे हैं.
Posted by Ashish Jha