बिहार विधानसभा चुनाव 2020: बिहार के डाॅक्टरों में भी चुनाव लड़ने की चाह, लेकिन भाव नहीं दे रही राजनीतिक पार्टियां…
साकिब, पटना: एक जमाना था जब पटना के नामचीन डाॅक्टर विधानचंद्र राय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने. लोकनायक जय प्रकाश नारायण के निजी चिकित्सक रहे डाॅ सीपी ठाकुर सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं. भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ संजय जायसवाल भी पेशे से चिकित्सक हैं. गोपालगंज के मौजूदा सांसद डाॅ आलोक सुमन और राज्यसभा की सदस्य डाॅ मीसा भारती भी पेशे से चिकित्सक हैं. पीएमसीएच में मेडिसिन के हेड रहे डाॅ गोपाल प्रसाद सिन्हा 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब सीट पर उम्मीदवार बने थे. पूर्व विधायक डाॅ आरआर कनौजिया भी पेशे से चिकित्सक रहे हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए पटना समेत बिहार के कई डॉक्टर तैयार हैं.
साकिब, पटना: एक जमाना था जब पटना के नामचीन डाॅक्टर विधानचंद्र राय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने. लोकनायक जय प्रकाश नारायण के निजी चिकित्सक रहे डाॅ सीपी ठाकुर सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं. भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ संजय जायसवाल भी पेशे से चिकित्सक हैं. गोपालगंज के मौजूदा सांसद डाॅ आलोक सुमन और राज्यसभा की सदस्य डाॅ मीसा भारती भी पेशे से चिकित्सक हैं. पीएमसीएच में मेडिसिन के हेड रहे डाॅ गोपाल प्रसाद सिन्हा 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब सीट पर उम्मीदवार बने थे. पूर्व विधायक डाॅ आरआर कनौजिया भी पेशे से चिकित्सक रहे हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए पटना समेत बिहार के कई डॉक्टर तैयार हैं.
कई नामचीन डॉक्टर टिकट की चाह में…
कई नामचीन डॉक्टर किसी बड़े राजनैतिक दल से टिकट मिले, इसकी कोशिशें भी कर रहे हैं,लेकिन प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक दलों की ये पसंद नहीं बन पाये हैं. विभिन्न दलों में डॉक्टरों का अलग प्रकोष्ठ बना हुआ है, लेकिन उसके डॉक्टरों को भी टिकट मिलने की उम्मीद न के बराबर है. वहीं, अब तक राजनीति से दूर रहने वाले कई डॉक्टर भी लगातार टिकट के लिए प्रयासरत हैं. हालांकि, जब तक टिकट नहीं मिल जाता तब तक वे कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं. इस चुनाव में डॉक्टरों के निर्दलीय खड़ा होने की उम्मीद भी कम ही देखी जा रही है.
टिकट मिले तो चुनाव लड़ने के लिए हैं तैयार
आइएमए बिहार के सचिव और अध्यक्ष रह चुके और वर्तमान में पीएमसीएच पूर्ववर्ती छात्र संघ के संयोजक डॉ सच्चिदानंद कुमार कहते हैं कि मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं. 40 वर्षों से ज्यादा समय से बतौर डॉक्टर मरीजों की सेवा करता आ रहा हूं. इस उम्र में भी पीएमसीएच स्थित वायरोलॉजी लैब का इंचार्ज हूं. अब बिहार के विकास में अपना योगदान देना चाहता हूं. ऐसे में बक्सर या आरा की किसी भी विधानसभा सीट से मुझे टिकट मिलता है तो जीतने की संभावना भी काफी है.
बहुत से डॉक्टर इच्छुक, लेकिन इंट्री मुश्किल
पटना के वरीय फिजिशियन डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी 2009 लोकसभा चुनाव में भारत उदय मिशन की तरफ से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. वे कहते हैं कि बिहार के बहुत से डॉक्टर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन राजनीति में इंट्री ही मुश्किल है. राजनैतिक दलों से टिकट पाना आसान नहीं है. डॉक्टर अक्सर राजनैतिक दलों के सिस्टम में फिट नहीं बैठ पाते हैं.
हर जिले में एक से दो डॉक्टर चुनाव लड़ने के इच्छुक
आइएमए बिहार के वरीय उपाध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार कहते हैं कि मेरी जानकारी के मुताबिक हर जिले में एक से दो डॉक्टर चुनाव लड़ने के लिए गंभीरता से प्रयासरत हैं या कहे कि इच्छुक हैं. पटना के ही कई बड़े डॉक्टर चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे कहते हैं कि डॉक्टर समाज का बुद्धिजीवी तबका है. आमतौर पर हम डॉक्टर समाज की राजनीति से दूर रहते हैं. हमारा पेशा विज्ञान के सहारे काम करता है. ऐसे में बिना राजनीति में गये भी हम समाज की सेवा करते हैं.
डॉक्टर अपनी प्रैक्टिस को खोना नहीं चाहते
आइएमए बिहार के पूर्व अध्यक्ष, एनएमसी के सदस्य और बिहार मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह कहते हैं कि डॉक्टर अपनी प्रैक्टिस को खोना नहीं चाहते हैं. यही कारण है कि वे राजनीति से दूर रहते हैं. हम डॉक्टरों के लिए मरीज सबसे महत्वपूर्ण है और हम उनका इलाज करके समाज की सेवा करते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya