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लालू-राबड़ी के शासनकाल में 113 चरवाहा विद्यालय खुला और उसी राज में बंद हुआ : सुशील मोदी

पटना : अनाच्छादित 3304 पंचायतों में कक्षा नौवीं के शुभारंभ के मौके पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद-कांग्रेस को चुनौती दिया कि वे बताएं कि उनके 15 वर्षों के राज में क्या एक भी नया शैक्षणिक संस्थान खोला गया? गाय चरानेवालों, भैस चरानेवालों, चूहा पकड़नेवालों पढ़ना-लिखना सीखों का नारा लगवा कर जो 113 चरवाहा विद्यालय खोला गया वह उन्हीं के राज में बंद भी हो गया. पहलवान विद्यालय प्रस्ताव में ही दब कर रह गया. एनडीए की सरकार ने गाय-भैंस चराने व चूहा पकड़ने वालों को स्कूलों से जोड़ा और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2020 6:19 PM
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पटना : अनाच्छादित 3304 पंचायतों में कक्षा नौवीं के शुभारंभ के मौके पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद-कांग्रेस को चुनौती दिया कि वे बताएं कि उनके 15 वर्षों के राज में क्या एक भी नया शैक्षणिक संस्थान खोला गया? गाय चरानेवालों, भैस चरानेवालों, चूहा पकड़नेवालों पढ़ना-लिखना सीखों का नारा लगवा कर जो 113 चरवाहा विद्यालय खोला गया वह उन्हीं के राज में बंद भी हो गया. पहलवान विद्यालय प्रस्ताव में ही दब कर रह गया. एनडीए की सरकार ने गाय-भैंस चराने व चूहा पकड़ने वालों को स्कूलों से जोड़ा और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की.

सुशील मोदी ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को पूरक ज्ञापन देकर बिहार में डिजिटल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट खोलने के लिए 750 करोड़ रुपये तथा सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय भवनों के लिए 5,718 करोड़ की मांग की गयी है. 250 करोड़ की लागत से खुलने वाले डिजिटल विश्वविद्यालय को दुनिया के तमाम यूनिवर्सिटिज और सभी ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म से जोड़ने की संकल्पना है.

कभी नियोजित शिक्षकों को अयोग्य ठहराते हुए उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़ा करने वाले आज उनके छद्म पैरोकार बने हुए हैं. कांग्रेस के सहयोग से पति-पत्नी राज के 15 वर्षों में शिक्षा पर मात्र 34,559 करोड़, जबकि एनडीए के 15 वर्षों में 2 लाख 61,565 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. केवल शिक्षकों के वेतन पर 23 हजार करोड़ खर्च होता है. 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी के निर्णय के बाद राज्य के खजाने पर 2,765 करोड़ का बोझ बढ़ेगा और वेतन राशि बढ़ कर करीब 25 हजार करोड़ रुपये हो जायेगी.

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