Loading election data...

उपेंद्र कुशवाहा का तेजस्वी पर वार, बोले- दसवीं पास का नेतृत्व नहीं बदलने पर छोड़ा महागठबंधन

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच मंगलवार को सूबे में एक और राजनीतिक मोर्चा तैयार हो गया. इस राजनीतिक मोर्चे का नेतृत्व रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने आज राजधानी पटना में एक औपचारिक प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि गठबंधन सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सरकारी बनी तो हमारा पूरा ध्यान शिक्षा की बेहतरी पर रहेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2020 5:34 PM

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच मंगलवार को सूबे में एक और राजनीतिक मोर्चा तैयार हो गया. इस राजनीतिक मोर्चे का नेतृत्व रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने आज राजधानी पटना में एक औपचारिक प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि गठबंधन सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सरकारी बनी तो हमारा पूरा ध्यान शिक्षा की बेहतरी पर रहेगा.

गौर हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव में रालोसपा एनडीए का हिस्सा थी और उसे 23 सीटें दी गयी थी, जिसमें मात्र दो पार्टी की जीत हासिल हुई थी. खास बात यह रही कि बाद में दोनों विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया. इधर, उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि एनडीए गठबंधन ने प्रदेश का बेड़ा गर्क कर दिया है. प्रदेश की जनता को न तो एनडीए के 15 साल चाहिए और न आरजेडी के पंद्रह सालों की जरूरत है. प्रदेश में ऐसी सरकार मिलनी चाहिए जो भ्रष्टाचार मुक्त हो.

रालोसपा प्रमुख ने ने एनडीए सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान एनडीए सरकार ने लालू सरकार से अधिक वित्तीय अनियमितता की है. बस भ्रष्टाचार का ट्रेंड बदला है. जदयू नेतृत्व ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए पिछले पंद्रह साल से अपनी पूरी क्षमता लगा रखी है.

वहीं, लालू प्रसाद की पंद्रह सालों के शासन की बदहाली का हवाला देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने तंज कसते हुए कहा कि उस समय शिक्षा के हालात इतने खराब थे कि उनके बच्चे 10वीं पास नहीं कर सके थे. उन्होंने जदयू नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा कि वे लालू की फेल सरकार से अपनी तुलना कर रहे हैं. दरअसल, एनडीए सरकार के पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वे बार बार राजद के पंद्रह साल ध्यान दिला रहे हैं.

उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि मैंने कहा था कि नेतृत्व में बदलाव किया जाये. 10वीं फेल का नेतृत्व मुझे बर्दाश्त नहीं था. उन्होंने कहा कि राजद और जदयू को अलग-अलग तरीके से भाजपा नियंत्रित कर रही है. रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाह ने कहा कि जो दल मेरे गठबंधन में आना चाहें तो वे आ सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version