पटना : बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय रविवार को जदयू में शामिल हो गये. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को पार्टी की सदस्यता दिलायी. इस अवसर पर मंत्री अशोक चौधरी, सांसद ललन सिंह भी मौजूद रहे. जदयू में शामिल होने के साथ ही गुप्तेश्वर पांडेय के बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गयी है.
इससे पहले बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय के शनिवार को जदयू के प्रदेश मुख्यालय जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद उनके जदयू में शामिल होने और प्रदेश के विधानसभा का आसन्न चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गयीं. हालांकि, गुप्तेश्वर पांडेय ने नीतीश कुमार से हुई इस मुलाकात के राजनीतिक होने से इनकार किया था.
पटना स्थित जदयू मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश से मुलाकात करने के बाद गुप्तेश्वर ने कहा, ”मेरी कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. उनको धन्यवाद देने आया था कि उन्होंने मुझे पूरी स्वतंत्रता काम (पुलिस महानिदेशक के पद रहने के दौरान दायित्वों के निर्वहन में) करने की दी. सेवानिवृत्ति के बाद मैं सिर्फ उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता था.”
यह पूछे जाने पर कि वह जदयू में कब शामिल होने वाले हैं, उन्होंने कहा, ”मैंने चुनाव लड़ने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है.” गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा, अगर मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने का फैसला करता हूं, तो मैं सभी को अवगत करा दूंगा. गुप्तेश्वर पांडेय के अपने पैतृक जिले बक्सर से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही हैं.
मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि गुप्तेश्वर वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना भाग्य आजमा सकते हैं. निवर्तमान जदयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन से यह सीट खाली हुई थी. गुप्तेश्वर पांडेय ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी. 22 सितंबर की देर शाम राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार वीआरएस के उनके अनुरोध को राज्यपाल फागू चौहान ने मंजूरी दे दी थी.
सोशल मीडिया पर “मेरी कहनी मेरी जुबानी” के शीर्षक के तहत लोगों के साथ बातचीत करते हुए गुप्तेश्वर ने 23 सितंबर को कहा, ”अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं, लेकिन हमारे वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता है और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला-बढ़ा हूं.” गुप्तेश्वर पांडये ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 2009 में सेवा से इस्तीफा दे दिया था पर राज्य सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए कुछ महीने बाद उन्हें सेवा में वापस ले लिया था.
Upload By Samir Kumar