जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने ताजा राजनीतिक हालात पर प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा है कि चुनाव में जाति फैक्टर कमजोर हुआ है. यह सच्चाई है. इस बार समाज में बदलाव इतना हुआ है कि एक सेक्शन जाति से उठकर सोच रहा है. उसका असर चुनाव में दिखेगा. लोग अब केवल जाति की जगह विकास को भी महत्व दे रहे हैं. चुनाव का मुख्य मुद्दा विकास ही है. नीतीश सरकार के पिछले 15 सालों के काम व अगली बार सरकार बनने पर सात निश्चय भाग-2 के तहत विकास करने के मुद्दे पर पार्टी चुनाव मैदान में है. नीतीश कुमार के ट्रैक रिकॉर्ड के बल पर एनडीए इस चुनाव में दो तिहाई सीटों पर जीत हासिल करेगी. जल-जीवन-हरियाली अभियान में भी बहुत काम हुआ है. विपक्षी दल केवल तथ्यहीन घोषणा के प्रयास में है. वरीय संवाददाता कृष्ण कुमार ने उनसे बातचीत की.
महागठबंधन की सरकार बनने पर तेजस्वी ने 10 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा की है. इसे कैसे देखते हैं?
–विरोधी दल के नेता सकरात्मक रूप से प्रचार नहीं करते हैं. इतने लोगों को रोजगार देने के लिए पैसा कहां से आयेगा, इसका आकलन तेजस्वी ने नहीं किया है. एक थ्योरी है कि बड़े व्यक्तित्व से टकरा जाओ तो उसका लाभ मिलेगा. वे टकरा कर लोकप्रियता के लिए ऐसे बयान देते हैं. ऐसे में बड़े व्यक्तित्व के गुणों से वे तुलना नहीं करते. जनता समझदार है. बड़े व्यक्तित्व से लड़ने का मतलब उनके जैसा ही हो जाना नहीं है. यह परीक्षा की कसौटी, बड़ा सोचने के लिए ज्ञान चाहिए.
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग के बयानों को कैसे देखते हैं?
–चिराग पासवान केवल आधारहीन बातें कहते हैं. वे केवल सुर्खियों में बने रहने का बेहतर साधन आलोचना को समझकर ऐसा करते हैं. जब कोई देखता है कि हम अलग-थलग पड़ गये. उसके पास आलोचना व तथ्यहीन बातों को कहने के सिवाय सुर्खियों में बने रहने के लिए आलोचना ही आधार है. उन्हें हमलोगों ने समझाने की भी कोशिश की. हमने अपने प्रवक्ताओं को कहा है कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लें. इस पर हमलोगों को कुछ कहने की जरूरत नहीं है.
एनडीए की सरकार बनी तो क्या सात निश्चय भाग-2 का संकल्प पत्र राज्य के विकास में सार्थक भूमिका निभा सकेगा?
–नीतीश कुमार व सुशील मोदी ने यह साबित किया कि गठबंधन की सरकार बेहतर तरीके से चली. साथ ही सात निश्चय भाग-1 के संकल्प के अाधार पर राज्य का विकास भी हुआ है. अब सात निश्चय भाग-2 का संकल्प पत्र जदयू ने पेश किया है. इसमें समावेशी विकास की बात है. नये मुद्दे शामिल किये गये हैं. इसके आधार पर राज्य में हर क्षेत्र में विकास का काम होगा. मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने एक राय बनाकर इतने वर्षों तक शासन किया. इसमें विकास का काम हुआ.
क्या पहले के चुनावों से यह चुनाव अलग तरीके का है?
–पहले के चुनावों से यह चुनाव बिल्कुल अलग तरीके का है. इस परिवर्तन की शुरुआत बिहार से हुई है. इसमें आधुनिक संचार माध्यमों का अधिक-से-अधिक उपयोग हो रहा है. बिहार इसका बेहतर उदाहरण बन रहा है.
एनडीए के घटक दलों से तालमेल के लिए जदयू ने किस तरह से तैयारी की है?
–एनडीए के सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी समन्वय के लिए बूथ स्तर तक की बैठक हो चुकी है. साथ ही कार्यकर्ताओं की संयुक्त रैलियां भी निकाली गयी हैं. एनडीए कार्यकर्ताओं के बीच बूथ स्तर तक बेहतर तालमेल बनाकर चुनाव में बेहतर उतरने की तैयारी है. हमारा सांगठनिक ढांचा बना हुआ है. भाजपा भी संगठित पार्टी है. इसका लाभ बड़े पैमाने पर एनडीए उम्मीदवारों को मिलेगा.
क्या वर्तमान एनडीए सरकार में विकास का काम हुआ है?
— वर्तमान एनडीए सरकार ने बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित सभी क्षेत्रों में बेहतर काम किया है. केंद्र व राज्य सरकार ने कोरोना संकट में भी बेहतर काम किया है. आकस्मिक विपत्ति में भी राज्य को संभालने के लिए राज्य सरकार के खजाने में पैसा था तभी यह व्यवस्था बनी. राजद शासनकाल का सालाना बजट केवल 23 हजार करोड़ का होता था, अब दो लाख एक हजार करोड़ का है. तस्वीर बदली है. लोगों की चाह भी बढ़ी. शिक्षा के लिए स्कूल कॉलेज,
क्या महिलाओं में जागरूकता आयी है?
— नीतीश सरकार ने सभी स्तरों पर महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू की. इससे पारिवारिक जिम्मेदारी के दायरे से निकलकर महिलाएं सामाजिक भूमिका निभा रही हैं. कानून-व्यवस्था की बेहतरी से महिलाओं में जागरूकता दिख रही है.
Posted by Ashish Jha