नवादा सदर : विधानसभा चुनाव में दिव्यांगजनों को बड़ी राहत मिली है. बिहार सरकार के निःशक्तता आयुक्त डाॅ शिवाजी कुमार ने जिला निर्वाची पदाधिकारी को पत्र भेज कर चुनाव में प्रतिनियुक्त दिव्यांग कर्मचारियों को मुक्त करने का निर्देश दिया है.
डीएम को भेजे गये पत्र में आयुक्त ने कहा कि विभिन्न दिव्यांगजनों से उनकी असमर्थता तथा अनिच्छा के बावजूद भी चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है. जिसकी शिकायत कार्यालय को प्राप्त हुई है. डीएम को भेजे गये पत्र में बताया गया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा-80 एवं 82 के अन्तर्गत राज्य आयुक्त निःशक्तता को दिव्यांगजनों के अधिकारों व उपलब्ध सुरक्षापायों से संबंधित मामले में समुचित प्राधिकारियों को निदेशित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है.
इसके निर्वहन के प्रयोजनार्थ सिविल न्यायालय के समरूप शक्तियां प्रदान की गई है. उक्त विषय में दिव्यांगजनों से प्राप्त शिकायत के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मुक्त रखने का निर्देष दिया गया है. वर्तमान में कोविड संक्रमण के कारण व्यापत आपदा स्थिति में दिव्यांगजनों को उनकी शारीरिक, संवेदी और ज्ञान संबंधी सीमाओं के कारण प्रभावित होने की अपेक्षाकृत अधिक संभाविता के आलोक में इस विषय की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है.
उक्त के आलोक में अनुरोध है भारतीय चुनाव आयोग द्वारा प्रदत निदेशानुरूप दिव्यांगजनों को उनके द्वारा इस संबंध में अपनी असमर्थता व अनिच्छा व्यक्त की जाने के स्थिति में उन्हें बिहार विधान सभा आम निर्वाचन-2020 से संबंधित निर्वाचन कार्य से मुक्त किये जाने के लिए आवश्यक निर्देषों का पालन करें.
गौरतलब हो कि चुनाव ड्यूटी के लिए कार्मिक का मसौदा तैयार करना, वर्तमान की तैयारी चुनाव जोरों पर है. अधिकारी मुख्य रूप से मतदान और मतगणना कर्मचारियों के रूप में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किये जाने वाले कर्मियों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. इस संबंध में विकलांगों के लिए मुख्य आयुक्त से एक सुझाव प्राप्त होने के बाद उक्त निर्णय लिया गया है.
Posted by Ashish Jha