कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण पिछले 8 महीने से भारत नेपाल सीमा पूरी तरह सील है. सीधा असर भारत व नेपाल के बीच बेटी-रोटी के संबंधों पर पड़ा है. सीमा से सटे दोनों इलाकों में बसे दोनों ओर के लोग जहां के तहां फंसे हुए हैं. रोजी-रोटी कमाने नेपाल गए हजारों लोग उसी पार अटके हैं. और नेपाल के बॉर्डर सील होने से हजारों की संख्या में प्रतिदिन जाने वाले लोगों का रोजगार भी छिन गया है अब बिहार चुनाव 2020 सर पर है तो इस स्थिति का सीधा प्रभाव सीमा से सटे 53 विधानसभा ठाकुरगंज क्षेत्रों पर देखा जा रहा है.
जानकारों की मानें तो यदि चुनाव तक नेपाल सीमा सील रही तो सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों का चुनावी गणित इस साल कुछ अलग होगा. सीमा से सटे प्रत्येक क्षेत्र के 3 से 5 फीसदी वोटर चुनाव से वंचित हो सकते हैं. प्रत्येक क्षेत्र में औसतन ढाई से तीन हजार वोटर हैं. सीमा सील होने के कारण वोटर नेपाल में फंसे हुए हैं. इस तरह वोटर चुनाव से वंचित हो सकते हैं.
नेपाल के ठाकुरगंज विधानसभा में रह रहे हजारों से अधिक लोग लॉकडाउन के कारण नेपाल में फंस गए है. उनका आना-जाना बंद है .सीमा सील रही तो सभी चुनाव से वंचित हो जाएंगे. सीमा पर अधिकारियों की बैठक लगातार हुई. इसमें वर्तमान हालात पर चर्चा हुई. शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव को लेकर दोनों ओर के अधिकारियों के बीच रणनीति तय की गई.
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बताया गया कि इन दिनों एक बार फिर नेपाल में कोरोना संक्रमण का प्रसार बढ़ा है. लिहाजा, विधानसभा चुनाव तक सीमा खुलने की संभावना भी कम है. लेकिन दोनों देशों के बीच एसएसबी नेपाल पुलिस गलगलिया कस्टम के बीच गुरुवार को बैठक हुई थी. बैठक में दोनों देशों के हालातों के बालों के बारे में जानकारी साझा की गई. उसके बाद उम्मीद बताई जा रही है कि जल्द ही विगत 8 महीने से बंद भारत नेपाल सीमा की आवाजाही आम लोगो के जल्द चालू हो सकती है.
सीमा पर चल रहे अवैध प्रकार की गतिविधियों का भी सूचनाएं आदान प्रदान की गई इस मौके पर गलगालिया कस्टम के इंस्पेक्टर रविंदर कुमार 41 बटालियन डेंगूजोत के इंस्पेक्टर प्रेम थिनले बीओपी भारत गांव के इंचार्ज निधि पाल नेपाल इपीएफ के बीआर दहल बी थापा आदि इस बैठक मौजूद थे.
Posted by : Thakur Shaktilochan