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Bihar Chunav 2020 : ओबरा में जदयू का मुकाबला राजद लोजपा से, प्रत्याशियों के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं स्थानीय मुद्दे

Bihar Chunav 2020 : दाउदनगर को जिला बनाने और यहां मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग भी बहुत समय से लंबित है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 13, 2020 7:55 AM

पटना : औरंगाबाद जिले के ओबरा विधानसभा से जदयू के प्रत्याशी सुनील कुमार हैं. उनका मुकाबला महागठबंधन के राजद प्रत्याशी ऋषि सिंह और लोजपा के प्रत्याशी प्रकाश चंद्रा से होगा. प्रकाश चंद्रा ने हाल ही में राजद छोड़कर लोजपा ज्वाइन किया है.

पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से राजद के प्रत्याशी विरेंद्र कुमार सिन्हा चुनाव जीते थे. उन्होंने बीएलएसपी के प्रत्याशी चंद्रभूषण वर्मा को 11 हजार 396 मतों के अंतर से हराया था. इससे पहले 2005 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर राजद के प्रत्याशी सत्यनारायण सिंह विजयी रहे थे.

उन्होंने भाकपा- माले के प्रत्याशी राजाराम सिंह को 8595 मतों के अंतर से हराया था. राजद के ऋषि सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के बेटे हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2000 के संयुक्त बिहार के अंतिम विधानसभा चुनाव में यहां से भाकपा -माले के प्रत्याशी राजाराम सिंह ने चुनाव जीता था.

उन्होंने राजद के रामनरेश सिंह को 12966 मतों के अंतर से पराजित किया था. इसके ठीक बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर राजद का कब्जा हो गया. हालांकि ,अगली बार 2010 के चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सोमप्रकाश सिंह की जीत हुई. उन्होंने प्रमोद चंद्रवंशी को 802 मतों के अंतर से हराकर चुनाव जीता था.

यादवों की आबादी 18 फीसदी , तो कुशवाहा 13 प्रतिशत

ओबरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादवों की आबादी करीब 18 फीसदी है. इसके बाद कुशवाहा मतदाता करीब 13 फीसदी हैं. भूमिहार करीब 11, वैश्य करीब 11 और मुसलमान करीब 11 फीसदी हैं.

इसके बाद अन्य जातियों की आबादी है. इस विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर काम की मांग वर्षों से होती रही है. उदाहरण के तौर पर औरंगाबाद-बिहटा रेलमार्ग परियोजना का शिलान्यास तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के समय ही हुआ था, लेकिन इस पर काम शुरू हुआ और रुका हुआ है.

यहां सोन नहर प्रणाली से सिपहा पुल पर पनबिजली बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन वह भी 2004 से रुका हुआ है. ओबरा के मनोरा में बुद्ध की खंडित प्रतिमा और दाउदनगर में शमसेर का मकबरा उपेक्षित है.

Posted by Ashish Jha

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