अनुराग शरण, सासाराम : जिले के मुख्यालय की सासाराम विधानसभा सीट पर पिछले 40 वर्षों से कुशवाहा जाति का कब्जा है. 1980 से 2015 तक हुए लगातार नौ विधानसभा चुनावों में कुशवाहा जाति के उम्मीदवार विधायक बनते रहे हैं, चाहे दल कोई भी हो.
आलम यह कि अबतक हुए 16 चुनावों में 11 बार कुशवाहा, चार बार कायस्थ और एक-एक बार राजपूत व वैश्य जाति के उम्मीदवार ही विधायक बन सके हैं. सासाराम विधानसभा क्षेत्र के नाम से 1952 में हुए पहले चुनाव में राजपूत जाति के जगन्नाथ सिंह, 1957 के दूसरे चुनाव में कायस्थ जाति के विपिन बिहारी सिन्हा, 1962 के तीसरे चुनाव में वैश्य जाति के दुखन राम, 1967 व 1969 में विनोद बिहारी सिन्हा व विपिन बिहारी सिन्हा जीते.
इसके बाद के 1972 के छठे चुनाव में सासाराम विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में कुशवाहा जाति के राम सेवक सिंह का प्रवेश हुआ, वे चुनाव जीते. सातवें चुनाव में संपूर्ण क्रांति का असर रहा और एक बार फिर कायस्थ जाति के विपिन बिहारी सिन्हा जीते. लेकिन, आठवें चुनाव 1980 में राम सेवक सिंह की जीत के बाद अबतक लगातार कुशवाहा जाति का ही कब्जा है.
1990 के चुनाव के बाद प्रत्येक चुनाव में प्रथम व द्वितीय स्थान पर कुशवाहा जाति के ही उम्मीदवार रहने लगे. आलम यह हुआ कि राजनीतिक दल भी सासाराम विधानसभा क्षेत्र के लिए इसी जाति के नेताओं को खोजने लगे. बीच-बीच में अन्य जातियों के उम्मीदवार मैदान में उतरे जरूर, लेकिन वे कभी दूसरे स्थान तक नहीं पहुंचे.
जब इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का पर्दापण हुआ, तो 1990 में जवाहर प्रसाद जीते. इसके बाद के चुनाव दो ही लोग जवाहर प्रसाद व डॉ अशोक कुमार के बीच होने लगे. वर्तमान समय में गठबंधन के कारण एनडीए ने राजद को छोड़ जदयू में आये डॉ. अशोक कुमार को उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा इस चुनाव में नहीं है, सो जवाहर प्रसाद मैदान से बाहर हैं. राजद ने वैश्य जाति के उम्मीदवार राजेश गुप्ता पर दांव लगाया है. 1990 के चुनाव के 40 वर्ष के बाद यह पहला मौका है, जब कुशवाहा जाति के सामने कोई वैश्य उम्मीदवार मैदान में है.
वर्ष जीते हारे
1980 रामसेवक सिंह मनोरमा पांडेय
1985 रामसेवक सिंह जगदीश ओझा
1990 जवाहर प्रसाद विपिन बिहारी सिन्हा
1995 जवाहर प्रसाद डाॅ अशोक कुमार
2000 अशोक कुमार जवाहर प्रसाद
2005 जवाहर प्रसाद अशोक कुमार
2005(मध्यावधि) जवाहर प्रसाद अशोक कुमार
2010 जवाहर प्रसाद अशोक कुमार
2015 अशोक कुमार जवाहर प्रसाद
Posted by Ashish Jha