मुंगेर जिले के तीन सीटों मुंगेर, जमालपुर व तारापुर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्तूबर को मतदान होना है. जमालपुर व तारापुर में जदयू का कब्जा है, वहीं मुंगेर सीट राजद के कब्जे में है. इस बार जदयू व राजद दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है क्योंकि लोजपा, रालोसपा व बागी निर्दलीय उम्मीदवार समीकरण को ध्वस्त करने में लगे हैं. वहीं, लखीसराय जिले की दाेनों सीटों लखीसराय व सूर्यगढ़ा जनता का मिजाज स्पष्ट नहीं दिख रहा है. रिपोर्ट: राणा गौरी शंकर/राजीव मुरारी सिन्हा
मुंगेर विधानसभा क्षेत्र में एक ओर जहां महागठबंधन से राजद प्रत्याशी अविनाश कुमार विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव मैदान में हैं, तो दूसरी ओर एनडीए से भाजपा के प्रणव कुमार यादव मैदान में डटे हैं. इस सीट से कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे, लेकिन मुख्य मुकाबला चतुष्कोणीय होता दिख रहा है क्योंकि जदयू के दो बागी उम्मीदवार टिकट नहीं मिलने पर चुनाव मैदान में डटे हैं.
एक ओर जहां जनता दल यू महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कंचन कुमारी गुप्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी हैं और वैश्य मतों को एकजुट करने में लगी हैं, तो दूसरी ओर मुंगेर की मेयर रूमा राज के पति सुबोध वर्मा रालोसपा के टिकट पर मैदान में हैं.
यदि इन लोगों के बीच मतों का बिखराव होता है, तो मुकाबला बड़ा ही रोचक और परिणाम चौंकाने वाला होगा. जिस प्रकार प्रत्याशियों द्वारा मतों को अपनी-अपनी ओर करने की कोशिश की जा रही है, उससे चुनावी परिदृश्य बदलता दिख रहा है. इधर, मुंगेर के कई युवा चुनाव मैदान में विकास को मुद्दा बना कर जनता को अपनी ओर रिझाने में लगे हैं.
सूर्यगढ़ा विधानसभा में इस बार मुकाबला काफी रोचक नजर आ रहा है. सूर्यगढ़ा सीट पर राजद विधायक प्रह्लाद यादव का कब्जा है, जिन्होंने पिछली बार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल को पराजित किया था. इस बार भी वे राजद के प्रत्याशी हैं. वहीं, इस बार जदयू -भाजपा गठबंधन में यह सीट जदयू के कब्जे में चली गयी, जिस पर जदयू ने एक बार फिर से अपने जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल पर भरोसा जताते हुए उन्हें सूर्यगढ़ा से अपना प्रत्याशी बनाया है.
रामानंद मंडल को जदयू से प्रत्याशी बनाये जाने के बाद जदयू से बगावत कर चैंबर ऑफ कॉमर्स सूर्यगढ़ा इकाई के अध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिंह अशोक ने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी, जिन्हें बाद में लोजपा ने अपना उम्मीदवार बना दिया. वहीं ,भाजपा के कार्यकर्ता रहे पप्पू सिंह उर्फ पप्पू योगी भी राष्ट्रीय जन -जन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ मुकाबले में आने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसके साथ ही सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट से कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जो अपनी जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं. अभी तक जनता का मिजाज कहीं स्पष्ट नहीं दिख रहा है.
जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला काफी रोचक होने वाला है. इस सीट पर पिछले 15 वर्षों से जदयू के शैलेश कुमार विधायक रहे हैं और इस बार भी पुन: मैदान में हैं. दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के अजय कुमार सिंह व लोजपा के जिला परिषद उपाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह मैदान में मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे. कांग्रेस प्रत्याशी को राजद के परंपरागत वोट यादव और मुसलमान पर भरोसा है.
जदयू प्रत्याशी पार्टी के परंपरागत वोट कुर्मी, कुशवाहा व मंडल के साथ ही पिछड़ा, अतिपिछड़ा व सवर्ण मतों पर भरोसा है. लोजपा जहां दलित मतों को एकजुट करने में लगी है, तो दूसरी ओर से सवर्ण मतों को गोलबंद करने में पार्टी प्रत्याशी पसीना बहा रहे हैं. अर्थात जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में सवर्ण मतों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गयी है और उसी के हाथ में जमालपुर की चाबी है.
तारापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार जदयू की प्रतिष्ठा दावं पर है. मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प व रोचक होने वाला है. एक ओर जदयू के प्रत्याशी मेवालाल चौधरी चुनावी मैदान में हैं, तो दूसरी ओर महागठबंधन से राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री दिव्य प्रकाश मुकाबले को तैयार है.कांग्रेस के टिकट से वंचित राजेश कुमार मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे हैं. इधर, लोजपा ने मीना देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है और वह पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं.
लखीसराय जिले के दोनों विस क्षेत्रों में अभी तक जनता का मिजाज कहीं स्पष्ट नहीं दिख रहा है. नेता चुनावी मूड में हैं, लेकिन मतदाता चुप. लखीसराय विधानसभा पर वर्तमान समय में भाजपा के विजय कुमार सिन्हा का कब्जा है. इस बार वे हैट्रिक पूरा करने को लेकर अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं.
पिछली बार राजद -जदयू गठबंधन की वजह से श्री सिन्हा का मुकाबला जदयू जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल के साथ था, जिसमें वे काफी कम मतों के अंतर से पराजित हुए थे. इस बार विपक्ष की ओर से जहां पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व जदयू को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले बड़हिया के अमरेश कुमार अनीष को महागठबंधन ने अपना प्रत्याशी बनाया है.
पहले राजद से जदयू व बाद में फिर से राजद में वापसी कर लखीसराय से टिकट की आस लगाने वाले पूर्व विधायक फुलेना सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उनका भी लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में अपना दबदबा रहा है, जिसके दम पर वे इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी होने का दावा भी कर रहे हैं.
इसके अलावा जदयू सेवादल के महासचिव रहे सुजीत कुमार भी अपने दल से विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. भाजपा में रहकर मंत्री श्री सिन्हा का विरोध करने वाली अधिवक्ता कुमारी बबीता भी चुनाव मैदान में उतरकर अपनी जीत का दावा कर रही हैं.
Posted by Ashish Jha