Bihar Chunav 2020: पहले चरण के मतदान से ठीक पहले तेजस्वी यादव का बाबूसाहेब वाला बयान राजद के लिए परेशानी का सबब बने, इससे पहले पार्टी इस बयान को लेकर डैमेज कंट्रोल करने में जुट गयी है. बाबू साहेब के बीच इसको लेकर बढ़ते असंतोष को देखते हुए खुद तेजस्वी यादव ने इसपर सफाई दी है. भाजपा लगातार इसको लेकर तेजस्वी पर हमलावर है.
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से लोगों के बीच रखने का काम किया जा रहा है. तेजस्वी ने कहा कि हमको पता था कि इस बयान के बाद कुछ लोग बिहार की जनता को मुद्दों से भटकाने की कोशिश करेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने राजपूतों के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है, बल्कि मेरा ईशारा सरकारी विभागों में कार्यरत बाबूओं की ओर था, जो नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार के पर्याय बन गये हैं. कहा कि बाबू से मतलब बड़ा बाबू, डॉक्टर बाबू, सरकारी विभागों में बैठने वाले छोटा बाबू जैसे सरकारी मुलाजिमों से है, न कि किसी जाति विशेष से इसका कोई रिश्ता है.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनसंख्या को लेकर दिया गया बयान मेरे लिए नहीं, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए है. तेजस्वी ने कहा कि खास तरह की भाषा का इस्तेमाल कर नीतीश कुमार ने मेरी मां समेत बिहार की अन्य महिलाओं का भी अपमान किया है.
तेजस्वी ने कहा कि आज बिहार में महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी समेत कई अन्य ज्वलंत मुद्दे हैं, लेकिन नीतीश कुमार पर कभी नहीं बोलते हैं. तेजस्वी ने कहा कि मेरे खिलाफ दिया गया बयान नीतीश कुमार की तरफ से मेरे लिए आशीर्वाद के समान है.
तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले रोहतास में इशारों-इशारों में जाति कार्ड खेल दिया था. तेजस्वी यादव ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लालू यादव का राज था तो गरीब सीना तान कर ‘बाबू साहब’ के सामने बैठता था.
दरअसल, बिहार में राजपूत जाति के लोगों को बाबू साहब कहा जाता है. इससे तेजस्वी के विरोधियों को उनपर हमला बोलने का मौका मिल गया. भाजपा नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी पर चुनाव को जातियों के आधार पर बांटने का आरोप लगाया.
Posted by Ashish Jha