बिहार चुनाव 2020: जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष (Aishe ghosh) ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा है कि 15 वर्षों में बिहार का विकास नहीं, विनाश हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार नयी शिक्षा नीति के तहत संगठित रूप से हमला कर रही है.
बिहार भी इस से अछूता नहीं है. प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षा तक कोई सुधार नहीं हुआ है. मिड-डे-मील में भारी भ्रष्टाचार है. मुजफ्फरपुर कांड के बाद नीतीश कुमार के महिला सुरक्षा की पूरी तरह पोल खुल गयी है.
आज यही कारण है कि छात्र-युवाओं पर देशभर में बढ़ रहे हमलों के बीच कई छात्र नेताओं ने बिहार विस चुनाव में महागठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग इस सरकार से उब व टूट चुके है.
वह बदलाव चाहते हैं और जो चुनावी हलचल बिहार में देखने को मिल रहा है. इससे हम संतुष्ट है कि बिहार में बदलाव होगा और यही कारण है कि बिहार में वामपंथी नेताओं पर सीधे प्रहार कर रहे हैं. बिहार के युवा रोजगार व शिक्षा के लिए बाहर जा रहे है.
जिन प्रवासी मजदूरों को कोरोना काल में बिहार लाने से मना कर दिया था. आज एनडीए उसी पर लोगों से वोट मांग रही है कि मजदूरों को उन्होंने घर लाया है. हैदराबाद विवि छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक नंदन ने कहा कि पटना विवि को केंद्रीय विवि बनाने का वादा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूल गये.
छात्र-युवा रोजगार व शिक्षा के लिए पलायन कर रहे है. महागठबंधन ने रोजगार देने की बात कही, तो नीतीश कुमार व भाजपा नेता सुशील मोदी कहते हैं कि राज्य में पैसा नहीं है. लेकिन, जब पूरे राज्य में युवाओं का समर्थन महागठबंधन को मिलने लगा, तो भाजपा 19 लाख रोजगार सृजित करने की बात कह रही है.
जबकि, 15 सालों में यहां के नौजवानों को सिर्फ धोखा मिला है. रोजगार, शिक्षा व पलयान के मुद्दे पर इस बार बिहार का छात्र नौजवान महागठबंधन के पक्ष में तैयार है. मौके पर डीयू के प्रोफेसर राजीव कुंवर, जनवादी नौजवान सभा के अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, एसएफआइ के अध्यक्ष शैलेंद्र यादव मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha