मधुबनी : मधुबनी में चुनाव मैदान में 12 प्रत्याशी हैं. इस सीट पर एनडीए व महागठबंधन के बीच मुकाबले की तस्वीर उभर रही है, लेकिन भाजपा से निकले दो बागी परेशानी बन कर उभरे हैं.
2015 के चुनाव में राजद के समीर कुमार महासेठ ने भाजपा के रामदेव महतो को 7303 मतों से हराया था. इस बार के चुनाव में राजद ने समीर कुमार महासेठ को ही उतारा है, जबकि एनडीए में यह सीट वीआइपी के पास है.
वीआइपी ने सुमन कुमार महासेठ को टिकट दिया है. 2015 में भाजपा उम्मीदवार रहे रामदेव महतो निर्दलीय मैदान में हैं. उधर, भाजपा से निकल लोजपा के टिकट पर उतरे अरविंद कुमार पूर्वे भी मैदान में हैं.
जिले के इस विधानसभा क्षेत्र पर हमेशा सभी की निगाह रहती है. यहां से जीतने वाले उम्मीदवार का बिहार की राजनीति में हमेशा से दबदबा रहा है. इसी विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर डाॅ जगन्नाथ मिश्र तीन-तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
उन्हीं के पुत्र नीतीश मिश्र भी बिहार सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री बने. इस बार भी नीतीश मिश्र भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं, महागठबंधन की तरफ से सीपीआइ उम्मीदवार रामनारायण यादव उन्हें चुनौती दे रहे हैं. 2015 के चुनाव में राजद के गुलाब यादव ने भाजपा के नीतीश मिश्रा को 834 मतों से शिकस्त दी थी.
2015 के चुनाव की स्थिति
गुलाब यादव (राजद) – 64320 वोट
नीतीश मिश्र (भाजपा) – 63486 वोट
कुल वोटर – 311677
जिले की यह विधानसभा सीट सुरक्षित है. यहां न तो उद्योग लगाने की पहल हुई है न रोजगार के लिए ही प्रयास हुआ है. परिसीमन के बाद यहां वोटरों की संख्या में जरूर इजाफा हुआ. कुल मतदाताओं की संख्या 32 लाख से अधिक है, पर यह क्षेत्र हमेशा से पिछड़ा ही रहा. यह इलाका बाढ़ के साथ-साथ साथ सुखाड़ से भी ग्रस्त रहता है.
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के रामप्रीत पासवान ने राजद के राम अवतार पासवान को 6242 मतों से हराया था. इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक रामप्रीत पासवान को टिकट दिया है, वहीं, राजद ने भी राम अवतार पासवान को ही मैदान में उतारा है.
कुल वोटर : 325422
वर्ष 2015 में
राम प्रीत पासवान (भाजपा) – 71614
रामअवतार पासवान (राजद) – 65372
जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में परिस्थिति बदली है. जदयू ने सीटिंग विधायक गुलजार देवी को टिकट नहीं दिया है. उनकी जगह नया चेहरा शीला कुमारी को पार्टी ने मैदान में उतारा है. गुलजार देवी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गयी हैं.
वहीं, महागठबंधन से यह सीट कांग्रेस के पास है. कांग्रेस ने कृपानाथ पाठक को मैदान में उतारा है. गुलजारा देवी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. यह विधानसभा क्षेत्र कभी सिर्फ अपराध के लिए जाना जाता था. वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू की गुलजार देवी ने भाजपा के राम सुंदर यादव को 13415 मतों से हराया था. यहां वोटरों की संख्या 320378 है, तो इनका भाग्य तय करेंगे.
Posted by Ashish Jha