Bihar Election 2020, Chunav Ghoshna Patra: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे ही नजदीक आई वैसे ही तमाम राजनीतिक दलों की ओर से वादों की झड़ी लग गई. अब बिहार में चुनाव प्रचार गर्मा चुका है और लगभग-लगभग सभी दलों के वादे और इरादे सामने आए हैं. गुरुवार को भाजपा ने अपना संकल्प पत्र और जदयू ने बदलाव पत्र जारी किया.
बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में 5 साल में 19 लाख युवाओं को रोजगार दिलाने का वादा है. राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी रैलियों में घूम-घूम कर 10 लाख नौकरियों का वादा कर रहे हैं तो बीजेपी उनसे दोगुना होने का दम भर रही है. रोजगार , पलायन, किसान, शिक्षक इन सबके लिए वादों की बात महागठबंधन से लेकर एनडीए, लोजपा और अन्य मोर्चों ने की है.
सभी दलों के घोषणा पत्र को अगर गौर से देखें तो ऐसी कई बाते हैं जो सच में अगर पूरा हो जाए तो सच में बिहार की सूरत बदल जाए. आज हम पेश कर रहे हैं सभी दलों की घोषणा पत्र के प्रमुख मुद्दे और उसपर किए गए वादों का जो सच में अगर पूरा हो जाए तो बिहार देश के अग्रणी राज्यों में आ सकता है.
Also Read: RJD से अलग Congress ने बिहार चुनाव में जारी किया घोषणा पत्र, बिजली बिल और मैथिली भाषा को बनाया मुद्दा
इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बना है बिहार में रोजगार. शायद यही कारण है कि सभी प्रमुख दलों ने रोजगार का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है. राजद ने 10 लाख नौकरी तो भाजपा ने 19 लाख रोजगार देने की बात की है. ठीक इसी प्रकार जदयू और लोजपा ने भी युवाओं के लिए रोजगार को अपने घोषणा पत्र में जगह दी है लेकिन संख्या का एलान नहीं है. नई नवेली पार्टी प्लूरल्स ने भी 80 लाख रोजगार की बात की है. कई भी पार्टी सत्ता में आए तो यह तय है कि बिहार में रोजगार पर काम ज्यादा होगा.
Also Read: Bihar Election 2020: तेजस्वी के बाद चिराग ने भी बिहार में 10 लाख नौकरियों को बनाया चुनावी हथियार, घोषणा पत्र में कई वादे
सभी दलों के घोषणा पत्र में किसानों को लेकर भी बड़े बड़े वादे हैं. कांग्रेस ने बिहार के किसानों से सत्ता में आने पर मुफ्त बिजली और कर्ज माफ करने का वादा किया है. लोजपा ने कृषि-गन्ना-मत्स्य-डेयरी सहकारिता को बढ़ावा देने की बात की है. खेती कौशल मिशन लॉन्च की बात की है. पैक्स अध्यक्षों को जन प्रतिनिधि का दर्जा देने का ऐलान किया है. वहीं भाजपा ने कृषि को उद्दयोग का दर्जा देने का वादा किया है.
हर खेत तक बिजली से लेकर एमएसपी ख़रीद का विस्तार कर दलहन शामिल करने तक. किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ब्याज मुक्त ऋण से ले कर 1000 एफ़पीओ की संरचना से किसान भाइयों को तकनीकी सहयोग, बाजार पहुच और उपज का सही दाम दिलाने तक. डेयरी प्रॉसेसिंग में निजी निवेश को बढाने की बात है. राजद ने किसान कानून पर बात की है. सस्ते लोन की बात की है. अगर इन वादों पर सच में काम हुआ बिहार का किसान देश का सबसे खुशहाल किसान होगा.
सभी दलों ने अपने घोषणा पत्र में उद्योग लगाने और लाने का वादा किया है. फ़ूड प्रॉसेसिंग, डेयरी प्रॉडक्ट्स, फ़िशरी एक्सपोर्ट्स, आईटी/ बीपीओ और टुरिज्म. इन क्षेत्रों में बिहार अपार संभावना है. बिहार की 60 फीसदी आबादी 35 साल के कम की है. ऐसे में बिहार के युवाओं को सरकारी नौकरी के साथ-साथ, निजी क्षेत्र और उद्यमशीलता के लिहाज नौकरी मिल सकती है.
बिहार में 85% फीसदी आबादी गांवों में रहती है और शायद यही कारण है कि सभा राजनीतिक दलों ने ग्रामीण विकास को अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता से जगह दी है. जदयू ने सात निश्चय पार्ट 2 का एलान किया है. भाजपा-जदयू (BJP-JDU) दोनों ने गलियों तक सोलर लाइट लगाने का वादा किया है. भाजपा ने 4G हाई स्पीड इन्टरनेट पहुंचाने की बात की है. लोजपा ने सभी प्रखंडों में सुविधायुक्त विवाह घर/बारात घर बनाने का वादा किया है. गरीबों को पक्का मकान का वादा तो सभी ने किया है.
ये एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने तरीके से घोषणा पत्र में प्रमुखता से जगह दी है. जदयू ने लड़कियों की शिक्षा के लिए स्नातक तक प्रोत्साहन राशि देने का वाद किया है वहीं कांग्रेस ने केजी से पीजी तक लड़कियों को निशुल्क शिक्षा देने का वादा किया है. भाजपा ने टेक्निकल एजुकेशन का वादा किया है.
सभी सरकारी स्कूलों में ई लर्निंग और स्मार्ट क्लास (E Learning and smart class) की व्यवस्था का वादा किया है. इतना ही नहीं हर हाई स्कूल विद्यार्थी को मुफ़्त टैब देने का वादा किया है. भाजपा औऱ लोजपा ने कोटा के तर्ज़ पर कोचिंग हब और हर जिले में आईटी, मेडिकल, नर्सिंग व तकनीकी शिक्षा बढाने का वादा किया है.
Posted By: Utpal Kant