पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने चुनाव प्रचार की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. बीजेपी किसानों और महिलाओं पर फोकस करते हुए उनके लिए बनाई गई सरकार की योजनाओं और घोषणाओं पर जोर देगी. केंद्र में बीजेपी सरकार के छह सालों में किए गए किसान कल्याण और महिला उत्थान कार्यक्रमों और योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की बीजेपी-जेडीयू सरकार की उपलब्धियों को भी मतदाताओं को बताया जाएगा.
बीजेपी राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या के हिसाब से उन पर फोकस कर रही है. बिहार में महिला मतदाताओं का प्रतिशत 2015 के विधानसभा चुनाव में 60.48 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 59.58 था. बिहार में महिला वोटबैंक को काफी अहम माना जाता है. दूसरी तरफ कृषि बिल पर जारी विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए किसानों के सवालों के जवाब देने की प्लानिंग भी की गई है. बिहार की 70 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है. इनका मतदान प्रतिशत 2019 के लोकसभा चुनाव में 57.33 था.
बीजेपी के मुताबिक महिलाओं और किसानों तक पार्टी की बातों को पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी मीटिंग की जाएगी. 28 अक्टूबर को होने वाली पहले चरण की वोटिंग के पहले कार्यक्रमों को शुरू किया जाएगा. कोरोना संकट में होने वाले चुनाव को देखते हुए पार्टी सोशल डिस्टेंसिंग समेत दूसरे प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए किसानों के छोटे-छोटे ग्रुप तक पहुंचेगी. उनके साथ मीटिंग करके सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बातें की जाएगी. साथ ही कृषि बिल को लेकर भी चर्चा करने की बात सामने आई है.
बड़ी बात यह है कि महिलाओं को जनधन योजन, उज्जवला योजना की जानकारी दी जाएगी. घर-घर जल योजना के बारे में महिलाओं से बातें की जाएगी. साथ ही उनको केंद्र और राज्य सरकार की महिला उत्थान के लिए बनाई गई स्कीम के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. आपको बता दें ग्रामीण वोट बैंक को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में 16,000 करोड़ की कई योजनाओं का ऐलान भी किया था. इसके अलावा बीजेपी ने वर्चुअल रैली के जरिए भी महिलाओं और किसानों तक पहुंचने की योजना बनाई है.