पटना : भाजपा इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी ‘गेनर’ (फायदे में रहने वाली पार्टी) बनकर उभरी है. उसे पिछली बार से 21 सीटें ज्यादा मिली हैं. 2015 में भाजपा ने 53 सीटें जीती थीं. इस बार यह संख्या बढ़कर 74 हो गयी है. सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाले राजद से तुलना करें, तो भाजपा की सिर्फ एक सीट कम है. फिर भी एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भाजपा उभरी है. इस पार्टी ने इस बार सबसे बड़ी छलांग लगायी है, जिससे उसका हौसला काफी बुलंद है.
दक्षिण बिहार की तुलना में उत्तर बिहार में भाजपा को ज्यादा संख्या में सीटें आयी हैं और उसका आधार भी मजबूत हुआ है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और सांसद राधामोहन सिंह के क्षेत्र पूरे चंपारण इलाके में 21 सीटों में भाजपा को 17 सीटें मिली हैं. दूसरे और तीसरे चरण में हुए मतदान में भाजपा को ज्यादा फायदा मिला है.
भाजपा ने दूसरे चरण में 46 और तीसरे में 36 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इन दोनों चरणों में भाजपा की 82 सीटें थीं, जिनमें 63 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इसका प्रमुख कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिर्फ उत्तर बिहार में नौ सभाओं का होना है. इस बार भाजपा ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. पीएम, केंद्रीय मंत्री से लेकर सभी स्तर के नेताओं ने लगभग एक हजार जनसभाएं और रोड-शो किये गये.
इसके अलावा इस बार भाजपा नेताओं ने बड़ी संख्या में जन संपर्क अभियान भी चलाया है, जिसका असर भी चुनाव में काफी दिखा है. प्रधानमंत्री की चार दिनों में 12 सभाओं के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की दो दर्जन सभाएं और रोड-शो हुऐ. बिहार प्रभारी सांसद भूपेंद्र यादव की भी दो दर्जन सभाएं और रोड-शो हुए.
Also Read: बिहार चुनाव 2020: MLC चुनाव के लिए मतगणना आज, केंद्र पूरी तरह तैयारइस बार सबसे ज्यादा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने करीब सवा दो सौ सभाएं और जनसंपर्क किया. इसके अलावा भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने जनसभाएं की हैं. केंद्रीय मंत्री की भी बड़ी संख्या में जनसभाएं हुई हैं, जिनमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, सांसद मनोज तिवारी, सांसद रवि किशन समेत लगभग 70 स्टार प्रचारकों ने धुआंधार सभाएं की हैं.
इन वजहों से भाजपा का इस बार चुनावी कैंपेन अन्य सभी विपक्षी दलों से काफी भारी रहा और इसका काफी फायदा भी उसे मिला. सभी वर्गों खासकर पिछड़े वर्गों के वोट को भाजपा ने अपनी तरफ आकर्षित करने में काफी कामयाब हुआ है. इस आधार पर भाजपा नयी सरकार में भी पिछली बार से अधिक हिस्सेदारी का दावा कर सकती है. फिलहाल इन बातों को लेकर पार्टी स्तर पर रणनीति तैयार की जा रही है.
Posted by Ashish Jha