पटना : बिहार विधानसभा चुनावों में इस बार कुछ खास पढ़े लिखे लोगों ने दस्तक दी है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू और दूसरे प्रतिष्ठित संस्थानों से आये लोग चुनाव मैदान में हैं. इनमें प्रतिष्ठित खिलाड़ी, अफसर और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ लोग शामिल हैं. राजनीतिक जानकार इसे शुभ संकेत मान रहे हैं.
2015 की विधानसभा में जेएनयू के पढ़े इक्के- दुक्के लोग ही पहुंच पाये थे. साथ ही उस चुनाव में नामी -गिरामी पेशेवर अफसर नहीं थे. इस बार के चुनाव में जहां पूर्व आइपीएस अधिकारी भी मैदान में हैं, वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी जंग में कूद चुकी हैं. लंदन से डिग्री लिये पुष्पम प्रिया चौधरी भी उम्मीदवार हैं. उनकी पार्टी की मुंगेर से शालिनी कुमारी पीएचडी डिग्रीधारी हैं.
जदयू से चुनाव मैदान में उतर रहे भोरे विधानसभा से जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी रहे हैं. सेवानिवृत्ति के बाद वे जदयू में शामिल हुए. पार्टी ने उन्हें भोरे सुरक्षित सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उनके बड़े भाई अनिल कुमार उम्मीदवार थे, वे चुनाव जीते भी. इस बार महागठबंधन में यह सीट भाकपा- माले को चली गयी है. अनिल कुमार भी जेएनयू के पासआउट हैं.
माले के पालीगंज से उम्मीदवार बनाये गये सौरभ सुमन हैं. पालीगंज को यादव बहुल क्षेत्र माना जाता है. इसकी सामाजिक बुनावट में सवर्ण खासकर भूमिहार वोटर भी अच्छे तादाद में हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की उषा विद्यार्थी चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची थीं. इस बार सौरभ जैसे जेएनयू से लौटे उम्मीदवार की लड़ाई जदयू में हाल ही में शामिल हुए रामलखन सिंह यादव के पाेते जयवर्द्धन यादव से है. जयवर्द्धन यादव दिल्ली के रामजस काॅलेज के स्नातक हैं.
इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने कहलगांव से अपने वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश को उम्मीदवार बनाया है. शुभानंद टाटा कंपनी के शीर्ष अफसरों में एक रहे हैं. इन्होंने हाल ही में वीआरएस लिया है और अपने को राजनीति में सक्रिय कर रखा है.
पुरल्स पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी विदेशों से प्रबंधन और कम्युनिकेशन की डिग्री हासिल की है. पटना के बांकीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार होने वाली पुष्पम लंदन स्कूल आॅफ इकोनोमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. इसी पार्टी की मुंगेर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनायी गयी शालिनी कुमार पीएचडी डिग्रीधारी हैं. वहीं परबत्ता विधानसभा क्षेत्र संजीव कुमार सिंह भी विशेष शिक्षित बताये जा रहे हैं. पूर्व मंत्री रामानंद सिंह के बेटे संजीव पेशे से चिकित्सक हैं.
जमुई सीट से सियासी मैदान में उतरी श्रेयसी सिंह बिहार के प्रतिष्ठित परिवार से जुड़ी हैं. श्रेयसी के साथ खेल जगत की कई उपलब्धियां जुड़ी हैं. उन्होंने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था. साल 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में भी श्रेयसी ने डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीता था. उनके पिता दिग्विजय सिंह केंद्र सरकार में मंत्री थे, माता बांका की सांसद रही हैं.
जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा सीट से जदयू ने राहुल कुमार को उम्मीदवार घोषित किया है. राहुल सिंबायसिस इंस्टीट्यूट से प्रबंधन की पढ़ाई कर राजनीति में आये हैं. वे 2010 से 2015 तक एक बार पहले भी विधायक रह चुके हैं. इसी तरह दिल्ली विवि से पढ़े -लिखे निखिल मंडल भी जदयू प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमा रहे हैं. निखिल बिहार के जाने -माने नेता वीपी मंडल के पौत्र हैं. उन्हें जदयू ने मधेपुरा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
Posted by Ashish Jha