कुमार आशीष,मधेपुरा: मधेपुरा जिले के चार विस सीट में से तीन पर जदयू तथा एक पर राजद का कब्जा है. 2015 के विस चुनाव में राजद व जदयू ने एक साथ चुनाव लड़ा था. लेकिन, इस बार नजारा बदला-बदला है. एनडीए के तहत जदयू-भाजपा व लोजपा तो दूसरी ओर महागठबंधन के तहत राजद व उसके सहयोगी दल मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का गृह क्षेत्र होने के कारण यहां की सभी सीटों पर उनका भी प्रभाव दिखता है. हालांकि, मधेपुरा राजद सुप्रीमो लालू यादव व शरद यादव के कारण देश की राजनीति में भी मधेपुरा का नाम लिया जाता है. इस बार के बदले समीकरण में मधेपुरा की चारों सीटों पर पर किसका कब्जा होगा, यह फिलहाल तो स्पष्ट नहीं है. लेकिन, हर सीटों पर दावेदारों की लंबी कतार से यह तो तय है कि भीतरघात से इन्कार नहीं किया जा सकता.
मधेपुरा में वर्तमान में प्रो चंद्रशेखर राजद के विधायक है. वर्ष 2015 में जब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था, तब 90,974 वोट लाकर 53,332 मत लाने वाले भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार विमल को उन्होंने हराया था. उससे पूर्व 2010 में राजद प्रत्याशी के तौर पर 72,481 वोट लाकर जदयू प्रत्याशी डाॅ रमेंद्र कुमार यादव रवि को 11,944 वोट से पराजित किया था. अब यह देखना दिलचस्प है कि इस सीट पर महागठबंधन जीत की हैट्रिक लगाता है या एनडीए अपना परचम लहराता है.
पिछले विधानसभा में कौन रहे विधायक
2015 : प्रो चंद्रशेखर राजद
2010 : प्रो चंद्रशेखर, राजद
बिहारीगंज विस 2010 के नये परिसीमन के बाद बना है विस बनने के बाद जदयू प्रत्याशी के तौर पर डॉ रेणु कुमारी कुशवाहा ने धमाकेदार जीत हासिल की थी. उन्होंने राजद प्रत्याशी इ प्रभाष कुमार को पराजित किया था. हालांकि, बाद में रेणु ने पार्टी छोड़ दी. इसके बाद 2015 के विस चुनाव में प्रत्याशी बदलकर जदयू ने निरंजन मेहता को टिकट दिया और उन्होंने भी 78,361 वोट लाकर भाजपा प्रत्याशी रविंद्र चरण यादव को पराजित किया. तीसरे स्थान पर जाप के प्रत्याशी मुरलीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष श्वेत कमल उर्फ बौआ जी रहे.
अब तक कौन रहे विधायक
2010 : रेणु कुमारी कुशवाहा, जदयू
2015 : निरंजन मेहता, जदयू
वर्ष 2010 के परिसीमन में कुमारखंड सुरक्षित सीट विलोपित कर दी गयी. वहीं सिंहेश्वर विस सीट को सुरक्षित किया गया. सिंहेश्वर 2010 में इस सीट से रमेश ऋषि देव ने जदयू के टिकट से जीत हासिल की. उन्होंने राजद के अमित कुमार भारती को हराया. जबकि, वर्ष 2015 में महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की मंजू देवी को पराजित किया. डाॅ रमेश ऋषिदेव को बिहार सरकार में कल्याण मंत्री बनाया गया. तीर्थ नगरी सिंहेश्वर को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की आवश्यकता है. सड़क व गलियों पर बजबजाता पानी गंदगी यहां की पहचान बनी हुई है. सिंहेश्वर ट्रस्ट की जमीन पर अवैध निर्माण अतिक्रमण पर भी ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है. सोनपुर के बाद बिहार का दूसरा सबसे बड़ा मेला यहां लगता है. लेकिन, उस हिसाब से इस स्थल को विकसित करने के लिए कार्य नहीं हुआ है.
पिछले विधानसभा में कौन रहे विधायक
2015 : डाॅ रमेश ऋषिदेव जदयू
2010 : डॉ रमेश ऋषिदेव जदयू
वर्ष 1995 से लगातार जदयू के टिकट पर चुनाव जीत रहे बिहार सरकार के मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के सामने इस बार जीत का सिक्सर लगाने की चुनौती होगी. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे आलमनगर विस क्षेत्र में 1977 में वीरेंद्र कुमार सिंह ने गैर कांग्रेसी के तौर पर जीत हासिल की. वह यहां से लगातार चार बार विधायक रहे. उसके बाद 1995 से लगातार नरेंद्र नारायण यादव विधायक हैं. इस सीट पर निषाद जाति की अच्छी खासी संख्या है.
पिछले विधानसभा में कौन रहे विधायक, किन्हें हराया
1995 : नरेंद्र नारायण यादव
2000 : नरेंद्र नारायण यादव
2005 : नरेंद्र नारायण यादव (फरवरी)
2005 : नरेंद्र नारायण यादव (अक्तूबर)
2010 : नरेंद्र नारायण यादव
2015 : नरेंद्र नारायण यादव
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya