पटना : नीतीश कुमार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे या तेजस्वी का तेज दिखेगा. ऐसा तो नहीं कि कोई तीसरा चेहरा या दल बाजीगर बनकर उभरेगा. यह मंगलवार की सुबह पौने नौ बजे मतगणना के पहले रुझान के साथ ही तय हो जायेगा.
राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर एक साथ मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गयी है. 38 जिलों में 55 स्थानों पर होने वाली मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने रविवार को वीडियो काॅन्फ्रेंस कर सुनिश्चित भी कर लिया कि सभी जिलों में ‘आल इज वेल’ है.
बिहार को बेसब्री से चुनाव परिणाम का इंतजार है. गौरतलब है कि 17वीं विधानसभा के चुनाव के लिए तीन चरणों की मतदान प्रक्रिया शनिवार को पूरी हो चुकी है. 10 नवंबर को परिणाम आना है.
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कोरोना के कारण एहतियात बरतने और बूथों की संख्या पिछले चुनावों के मुकाबले 73 हजार अधिक होने के कारण परिणाम में थोड़ी देरी होगी.
आठ बजे मतगणना शुरू होगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जायेगी. साढ़े आठ बजे से इवीएम के वोटों की गिनती शुरू हो जायेगी. पूरी प्रक्रिया के बाद इवीए का परिणाम जारी होने में करीब 45 मिनट का समय लगेगा. राज्य भर में वोटों की गिनती में लगने वाले करीब 18 हजार मतगणना कर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य रविवार को चलता रहा. प्रत्येक टेबुल पर एक माइक्रो आॅब्जर्वर, काउंटर सुपरवाइजर और काउंटर सहायक होगा.
मतगणना मेज पर कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट को लाने से पहले सैनिटाइज किया जायेगा. कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट के डी-सीलिंग और चुनाव परिणाम को प्रदर्शित करने के लिए हर टेबुल कर्मी होगा. एक हॉल में करीब मतगणना कर्मियों सहित करीब 75 कार्मिक होंगे. इसके अलावा मतदान स्थल पर सहायक कर्मी अलग से होगे.
मतदान केंद्र को जोड़ने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग रहेगी. पासधारी को ही मतदान केंद्र की तरफ आने दिया जायेगा. पहले चक्र पर होमगार्ड आदि तैनात रहेंगे. मतदान स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार व आसपास बिहार पुलिस-बीएमपी के जवानों की तैनाती की जा रही है. स्ट्रांग रूम से मतगणना हॉल तक की सुरक्षा कर जिम्मा 19 कंपनी पारा मिलट्री के हाथों में रहेगा. वहीं मतगणना के बाद विधि-व्यवस्था को संभालने के लिए भी 59 कंपनी केंद्रीय बल लगाया गया है.
पूर्वी चंपारण, सीवान, बेगूसराय और गया में तीन-तीन और नालंदा, नवादा, बांका, पूर्णिया भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, सहरसा में दो-दो मतगणना केंद्र हैं. 55 मतगणना केंद्रों पर 414 हॉल तैयार किये गये हैं.
एक हॉल में एक विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती होगी. हर हॉल में कम-से- कम 14 टेबुल होंगे. इवीएम की संख्या अधिक होने के कारण 243 सीटों की गिनती 414 हॉलों में होगी. सबसे अधिक पटना में 30 हाल हैं. सारण, समस्तीपुर, गया में 20-20 हाल हैं.
Posted by Ashish Jha