Bihar Election 2020: दरभंगा के पांच विधानसभा में 13 लाख से अधिक मतदाता 72 उम्मीदवारों के भाग्य का करेंगे फैसला
Bihar Chunav 2020, Darbhanga Assembly Election, Second Phase Voting: दूसरे चरण में दरभंगा के कुल पांच विधानसभा क्षेत्र बेनीपुर, अलीनगर, गौड़ाबौराम, कुशेश्वरस्थान व दरभंगा ग्रामीण में मतदान होगा. 13 लाख 57 हजार 785 मतदाता 72 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. 'विकास', 'बेरोजगारी', 'महंगाई', 'बाढ़', 'मजदूरों का पलायन', 'सड़क', 'जलजमाव' प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है.
दूसरे चरण में दरभंगा के कुल पांच विधानसभा क्षेत्र बेनीपुर, अलीनगर, गौड़ाबौराम, कुशेश्वरस्थान व दरभंगा ग्रामीण में मतदान होगा. 13 लाख 57 हजार 785 मतदाता 72 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. ‘विकास’, ‘बेरोजगारी’, ‘महंगाई’, ‘बाढ़’, ‘मजदूरों का पलायन’, ‘सड़क’, ‘जलजमाव’ प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है.
राजग व महागठबंधन के आमने-सामने के मुकाबले को मेहनत के बल पर लोजपा व जाप के उम्मीदवार त्रिकोणीय व चतुष्कोणिये बना रहे हैं. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में इन पांच में से जदयू ने तीन व राजद ने दो सीट पर विजय पायी थी.
कुशेश्वरस्थान : त्रिकोणीय संघर्ष के आसार
कुल मतदाता : 250678
लोजपा, जदयू और कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. जदयू के विधायक शशिभूषण हजारी के सामने इस मैदान के पुराने खिलाड़ी कांग्रेस के डॉ अशोक राम हैं. मामला आमने-सामने का है. लोजपा प्रत्याशी पूनम कुमारी इसे त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की पुरजोर कोशिश में जुटी हैं. इस बार 15 प्रत्याशी यहां से चुनाव मैदान में है. यह इलाका साल के छह माह बाढ़ के पानी से प्रभावित रहता है. जलजमाव व पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है. सड़क नहीं होने की वजह से अधिकांश इलाके में नाव ही एकमात्र आवागमन का साधन है. हर साल बाढ़ से तबाही मचती है.
2015 में
शशि भूषण हजारी (जदयू) – 50062
धनंजय कुमार (लोजपा) 30212
गौड़़ाबौराम : बाढ़ और रोजगार मुख्य चुुनावी मुद्दा
कुल मतदाता : दो लाख 52 हजार 173
इस विधानसभा क्षेत्र में 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुख्य मुकाबला राजद प्रत्याशी अफजल अली खान एवं बीआइपी की स्वर्णा सिंह के बीच है. भाजपा नेता रहे लोजपा प्रत्याशी राजीव ठाकुर सवर्ण व भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी के कोर बोटर पर विश्वास जता पसीना बहा रहे हैं. पूर्व विधायक इजहार अहमद भी किस्मत आजमा रहे हैं. यह क्षेत्र वर्ष 2008 में अस्तित्व में आया. इससे पूर्व यह घनश्यामपुर विधानसभा क्षेत्र में था. बाढ़, जलजमाव, सड़क, रोजगार आदि की समस्या यहां का चुनावी मुद्दा है. पिछले चुनाव में विजेता बने मदन सहनी यहां से बहादुरपुर लौट चुके हैं.
वर्ष 2015 में
मदन सहनी (जदयू) – 51403
विनोद सहनी (लोजपा) – 37341
बेनीपुर : जदयू, कांग्रेस व लोजपा में त्रिकोणीय संघर्ष
कुल मतदाता : दो लाख 88 हजार 971
इस विधानसभा चुनाव में 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा. यहां जदयू के विनय कुमार चौधरी का कांग्रेस के मिथिलेश कुमार चौधरी से भिड़ंत है. लोजपा से कमल राम विनोद झा मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं. ब्राह्मण बहुल इस इलाके में तीनों दलों ने ब्राह्मण प्रत्याशी को ही टिकट दिया है. बेरोजगारी, महंगाई आदि प्रमुख चुनावी मुद्दा है. वर्ष 2010 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया. 2010 में भाजपा के गोपालजी ठाकुर व 2015 में जदयू के सुनील चौधरी विधायक बने. इस चुनाव में जदयू ने विधायक का टिकट काट कर विनय चौधरी पर विश्वास जताया है.
वर्ष 2015
सुनील चौधरी (जदयू) – 69511
गोपाल जी ठाकुर (भाजपा) 43068
अलीनगर : पूर्व भाजपा नेता मुकाबले को बना रहे त्रिकोणीय
कुल मतदाता : दो लाख 75 हजार 378
इस विधानसभा क्षेत्र से 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. अलीनगर विधानसभा सीट का गठन 2010 में किया गया. लगातार जीत हासिल करते रहने वाले राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी यहां से केवटी शिफ्ट कर गये हैं. वर्ष 2015 में सिद्दीकी ने भाजपा के मिश्रीलाल यादव को हराया था. इस बार मिश्रीलाल यादव के सामने राजद ने भाजपा के ही पूर्व नेता विनोद मिश्र को उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. भाजपा के पूर्व नेता राजकुमार चौधरी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पुरजोर कोशिश कर रह हैं. यहां सड़क, पेयजल, बेरोजगारी आदि मूल समस्या है.
2015 में
अब्दुल बारी सिद्दिकी (राजद) – 67461
मिश्री लाला यादव – 54001
दरभंगा ग्रामीण : पलायन मुख्य मुद्दा
कुल मतदाता : दो लाख 90 हजार 585
दरभंगा ग्रामीण में सात प्रत्याशियों का भाग्य दाव पर है. राजद यहां से हैट्रिक लगा चुका है. इस बार मुकाबला दिलचस्प बन गया है. कद्दावर राजद नेता ललित कुमार यादव फिर से चुनाव मैदान में हैं. उनके सामने बरास्ते राजद, जदयू में आये केवटी के निवर्तमान विधायक फराज फातमी हैं. लोजपा से भाजपा के वरीय नेता रहे प्रदीप कुमार ठाकुर की उम्मीदवारी ने भिड़ंत को रोमांचक बना दिया है. 2010 में ललित कुमार यादव ने जदयू के अशरफ हुसैन को यहां मात दी थी. ललित यादव ने 2015 में फिर जीत हासिल की. बेरोजगारी, महंगाई, मजदूरों का पलायन यहां की मूल समस्या है.
वर्ष 2015 में
ललित कुमार यादव (राजद) – 70557
नौशाद अहमद (एचएएमएस) – 36066