Bihar Election 2020: चुनाव आयोग ने मतदान को लेकर राजनीतिक दलों से मांगा सुझाव, विपक्ष ने चुनाव तिथि व प्रचार को लेकर जताई आपत्ती…

पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ सीटों पर उपचुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों से कोरोना में मतदान कराने को लेकर सुझाव मांगे हैं. राजनीतिक दलों से अपने सुझाव 27 जुलाई तक आयोग को उपलब्ध कराने को कहा गया है. आयोग ने दलों से पूछा है कि देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है. इसको लेकर आपदा प्रबंधन एक्ट के माध्यम से कई गाइडलाइनें तैयार की गयी हैं. कई गाइडलाइनें राज्य सरकारों ने भी दी हैं. इनका पालन किया जाना है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2020 5:43 AM

पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ सीटों पर उपचुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों से कोरोना में मतदान कराने को लेकर सुझाव मांगे हैं. राजनीतिक दलों से अपने सुझाव 27 जुलाई तक आयोग को उपलब्ध कराने को कहा गया है. आयोग ने दलों से पूछा है कि देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है. इसको लेकर आपदा प्रबंधन एक्ट के माध्यम से कई गाइडलाइनें तैयार की गयी हैं. कई गाइडलाइनें राज्य सरकारों ने भी दी हैं. इनका पालन किया जाना है.

आयोग ने सभी दलों के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र लिखा

आयोग ने सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र लिखा है कि वे इस महामारी में चुनाव कराने को लेकर सुझाव दें. आयोग ने कहा है कि कोरोना की रोकथाम के लिए सभी को सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. सोशल डिस्टैंसिंग के पालन और सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी गाइडलाइन तैयार की गयी है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की जानी है. साथ में सैनिटाइजेशन भी किया जाना है. ऐसी परिस्थिति में राजनीतिक दल अपना सुझाव दें, जिससे कि कोरोना महामारी का चुनाव के वक्त प्रसार नहीं हो.

मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर बिहार विधानसभा चुनाव के तिथि पर विचार करने कहा 

प्रदेश के सभी छोटे-बड़े विपक्षी दलों ने सामूहिक तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि आयोग तय तिथि पर बिहार विधानसभा चुनाव कराने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. वह जो भी फैसला ले ,उसमें कोरोना के मद्देनजर आम जन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखा जाये. यह सुनिश्चित किया जाये कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान वे बिना किसी भय के अधिक-से-अधिक भागीदारी कर सकें. विपक्षी पार्टियों ने उम्मीद जतायी है कि आयोग का फैसला जल्द होगा और लोकतांत्रिक शूचिता के अनुरूप होगा.

2020 के विधानसभा चुनाव में चुनावी प्रक्रिया को लेकर लिखा पत्र

राजद, सीपीआइ, वीआइपी, सीपीआइएमएल, लोकतांत्रिक जनता दल, हम, आरएलएसपी, यूपीए आदि ने शुक्रवार को इस आशय के पत्र में आयोग को दो टूक बता दिया है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चुनावी प्रक्रिया में समानता और विपक्षी पार्टियों को समान अवसर दिया जाये. विपक्षी दलों ने आयोग को बताया है कि सर्वदलीय बैठक में सत्ताधारी दल के उस प्रस्ताव को अमल में न लाया जाये, जिसमें उसने डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर वर्चुअल चुनाव प्रचार की वकालत करते हुए पारंपरिक अभियान को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया था. विपक्षी दलों ने अपने पत्र में एक स्वर में कहा है कि ऐसा किया गया, तो वह निषेधात्मक और गैर लोकतांत्रिक होगा. इससे अधिकतर मतदाता चुनाव से कट जायेंगे.

डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर चुनाव प्रचार मजाक बन जायेगा

उन्होंने ट्राइ के आंकड़े का हवाला देते हुए लिखा है कि बिहार के केवल 34% आबादी के पास स्मार्टफोन हैं, लिहाजा डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर चुनाव प्रचार मजाक बन जायेगा. विपक्षी दलों ने आयोग को ध्यान दिलाया है कि इस पूरे मामले में अभी कोई उसके द्वारा फैसला तक नहीं लिया गया है, जबकि सत्ताधारी दल वर्चुअल चुनाव प्रचार शुरू कर चुके हैं. साफ किया कि आयोग ने अब तक चुनाव खर्च की सीमा भी तय नहीं की है.

वर्चुअल चुनाव प्रचार से मतदान का प्रतिशत भी प्रभावित होगा

इन दलों ने आशंका व्यक्त की है कि अगर कोरोना के खतरे को नजरंदाज किया गया और और वर्चुअल चुनाव प्रचार को मान्यता दी गयी, तो मतदान का प्रतिशत भी प्रभावित होगा. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं कहा जायेगा. लिहाजा आयोग ऐसा प्रबंध करे, जिसके जरिये न केवल लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा भी की जा सके. साथ ही सुनिश्चित किया जाये कि चुनाव प्रक्रिया कोरोना विस्फोट की एक घटना न बन जाये.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Next Article

Exit mobile version