पटना : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोग की हाई लेवल टीम लगातार बैठक करती रही है. गुरुवार को आयोग की टीम ने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बोधगया में बैठक की. इसमें गया, जहानाबाद, अरवल, लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, जमुई और बांका जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ चर्चा करने की बातें सामने आई है. बोधगया से टीम पटना पहुंचकर बिहार के मुख्य सचिव समेत दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करके दिल्ली लौट जाएगी.
Bihar: Election Commission team holding high level meeting in Bodhgaya in last leg of 3-day visit to review preparedness of assembly elections in state. pic.twitter.com/SjRbOTfmUd
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) October 1, 2020
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के सुनील अरोड़ा के मुताबिक ‘बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान 65,333 पोलिंग स्टेशन थे. जिसे एक लाख से ज्यादा कर दिया है. 2015 में वोटर्स की संख्या 6.7 करोड़ थी. अब यह बढ़कर 7.29 करोड़ हो चुकी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में 3.85 करोड़ पुरुष के अलावा 3.4 करोड़ महिला वोटर भी हैं. कोरोना संकट के बीच होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग पूरी तरह तैयार है.’ मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि ‘कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षित चुनाव की तैयारियां जारी है. मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए पोलिंग स्टेशन की संख्या बढ़ा दी गई है.’
2015 में पोलिंग सेशन की संख्या 65,333 थी जो अब बढ़कर 1,06,526 हो गई है। 2015 में 6.7 करोड़ वोटर थे वहीं इस बार वोटरों की संख्या बढ़कर 7.29 करोड़ हो गई है। इस बार कुल पुरुष वोटर 3.85 करोड़ और महिला वोटर 3.4 करोड़ हैं: सुनील अरोड़ा, मुख्य निर्वाचन आयुक्त pic.twitter.com/kCLIuUiKCL
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) October 1, 2020
खास बात यह है कि पहले चरण में गया जिले की विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. इसको देखते हुए चुनाव आयोग की टीम की हाई-लेवल मीटिंग की गई है. चुनाव आयोग की टीम वोटिंग से पहले हर तरह की दिक्कतों को देखकर उसे दूर करने में जुटी है. जिससे चुनाव में किसी तरह की दिक्कत ना हो. एक दिन पहले भी टीम ने राजधानी पटना में चुनावी तैयारियों का जायजा लिया था. आयोग की टीम ने बिहार के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के बारे में सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत उम्मीदवारों से सुझाव भी मांगा था. इस दौरान कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने सुझाव भी साझा किए थे.