Bihar Election 2020: दागियों को टिकट देने पर निर्वाचन आयोग का सख्त रुख, राजनीतिक दलों के लिए बनाया ये नियम

Bihar Election 2020: दागी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को चुनाव मैदान में उतारना अब राजनीतिक दलों के लिए मुश्किल होगा. कारण कि चुनाव आयोग ने इसे लेकर नये नियम बनाये हैं. दागी प्रत्याशियों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को अब अपने ऑफिशियल फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे प्रत्याशी को क्यों चुना?

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2020 3:11 PM
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Bihar Election 2020: दागी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को चुनाव मैदान में उतारना अब राजनीतिक दलों के लिए मुश्किल होगा. कारण कि चुनाव आयोग ने इसे लेकर नये नियम बनाये हैं. निर्वाचन विभाग के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि चुनाव में दागी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की जगह अच्छे उम्मीदवार बनाने में मदद मिलेगी ताकि सदन में साफ-सुथरी छवि के लोग पहुंच सकें.

दागी प्रत्याशियों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को अब अपने ऑफिशियल फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे प्रत्याशी को क्यों चुना? इस मामले में सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलेगा कि यह व्यक्ति जिताऊ है, इसलिए उसे टिकट दिया गया है. आयोग ने कहा कि दल को बताना होगा कि यह दागी उम्मीदवार दूसरे साफ उम्मीदवार से कैसे बेहतर है?

आयोग ने यह निर्देश इसलिए दिया है कि सोशल मीडिया की पहुंच दूर तक है और इस पर रखी जानकारी जब तक कोई नहीं हटाए तब तक मौजूद रहती है. दागी प्रत्याशी का मतलब वैसे प्रत्याशियों से हैं, जिनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित है. चुनाव आयोग पहले ही कह चुका है कि ऐसे व्यक्तियों को टिकट देने पर राजनीतिक दलों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के अखबार में सूचना प्रकाशित करानी होगी..

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दलों को प्रत्याशी चुने जाने के 48 घंटे के भीतर यह सूचना प्रकाशित करानी है. आयोग का यह निर्देश विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, विधान परिषद चुनाव पर भी लागू होगा. चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार राजनीतिक दलों को ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जो सूचनाएं देनी है, उसमें कई तरह की जानकारियां देनी है.

जैसे संबंधित प्रत्याशी के खिलाफ किस प्रकृति का आपराधिक मामला दर्ज है. मुकदमा संख्या, संबंधित अदालत का नाम भी बताना होगा. इसके अलावा यह भी बताना होगा कि उस प्रत्याशी के खिलाफ आरोप तय हुआ है या नहीं.

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अगर किसी मामले सजा हुई है तो उसकी तारीख का भी जिक्र करना होगा. चुनाव आयोग के इस निर्देश को निष्पक्ष चुनाव की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे कोई भी पार्टी दागी उम्मीदवार को टिकट देने से कतराएंगे

Posted by: Utpal kant

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