Bihar Election 2020: पटना जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में दो चरणों में होंगे चुनाव, बढ़ाए गए 2414 मतदान बूथ…
पटना: जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में दो चरण में चुनाव कराये जायेंगे. पहले चरण में जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज व बिक्रम का चुनाव 28 अक्तूबर को होगा. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया एक अक्तूबर से ही शुरू हो जायेगी. वहीं, दूसरे चरण में जिले के नौ विधानसभा क्षेत्र बख्तियारपुर, फतुहा, दीघा, बांकीपुर, पटना साहिब, कुम्हरार, फुलवारी, दानापुर और मनेर में तीन नवंबर को वोट पड़ेंगे. इसके लिए नामांकन की शुुरुआत 09 अक्तूबर से होगी. इन 14 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 46.70 से अधिक मतदाता 7034 बूथों पर मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
पटना: जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में दो चरण में चुनाव कराये जायेंगे. पहले चरण में जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज व बिक्रम का चुनाव 28 अक्तूबर को होगा. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया एक अक्तूबर से ही शुरू हो जायेगी. वहीं, दूसरे चरण में जिले के नौ विधानसभा क्षेत्र बख्तियारपुर, फतुहा, दीघा, बांकीपुर, पटना साहिब, कुम्हरार, फुलवारी, दानापुर और मनेर में तीन नवंबर को वोट पड़ेंगे. इसके लिए नामांकन की शुुरुआत 09 अक्तूबर से होगी. इन 14 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 46.70 से अधिक मतदाता 7034 बूथों पर मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
बढ़ गये 2414 बूथ, पर्याप्त इवीएम उपलब्ध
एक बूथ पर 1000 मतदाता का औसत किये जाने के चलते इस बार जिले में 2414 सहायक मतदान केंद्र बढ़ गये हैं. सभी बूथों पर पर्याप्त संख्या में इवीएम व वीपीपैट की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है. प्रशासन के मुताबिक इवीएम जांच का पहला चरण (फर्स्ट लेवल चेकिंग) पूरा कर लिया गया है. मॉक पोल की प्रक्रिया की जा रही है, ताकि उसके बाद सील कर स्ट्रांग रूम में रखा जा सके.
दीघा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र, फतुहा सबसे छोटा
मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से पटना जिले में दीघा सबसे बड़ा, जबकि फतुहा सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है. दीघा में सर्वाधिक 4.54 लाख मतदाता हैं. वहीं, फतुहा में संख्या मात्र 2.69 लाख है. पटना शहरी क्षेत्र में आने वाले छह विधानसभा क्षेत्र दीघा, कुम्हरार, बांकीपुर, पटना साहिब, दानापुर व फुलवारी में जिले के 50 फीसदी से अधिक वोटर निवास करते हैं. इन सभी सीटों पर वर्तमान में एनडीए उम्मीदवारों का कब्जा है.
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले 14 विधायकों की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर लगी है. वर्तमान में सात विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा, चार पर राजद जबकि एक-एक सीट पर जदयू, कांग्रेस व निर्दलीय अनंत सिंह का कब्जा है. हालांकि पिछले चुनाव में भाजपा के खिलाफ जदयू-राजद ने साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. इस बार भाजपा-जदयू एक साथ है. वहीं, राजद-कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है.
दल-बदल का खेल शुरू
चुनाव अाने के साथ ही जिले में दल-बदल का खेल भी शुरू हो गया है. एक तरफ राजद कोटे से पालीगंज सीट पर जीत हासिल करने वाले जयवर्द्धन उर्फ बच्चा यादव ने जदयू का दामन थाम लिया है, वहीं फुलवारीशरीफ सीट से जदयू के टिकट पर जीतने वाले पूर्व मंत्री श्याम रजक राजद में शामिल हो गये हैं. इसके साथ ही मोकामा सीट से निर्दलीय जीतने वाले अनंत सिंह इस बार कांग्रेस या राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हैं.
60 साल पार उम्र के चार विधायक फिर दिखायेंगे जोर
विधानसभा चुनाव में 60 साल से अधिक के चार विधायक फिर अपना जोर दिखाने को तैयार हैं. वर्तमान 14 विधायकों में अरुण सिन्हा (69 वर्ष), नंदकिशोर यादव (67 वर्ष), श्याम रजक (67 वर्ष) और डॉ रामानंद यादव (65 साल) सबसे उम्रदराज विधायक हैं. सबसे कम उम्र वाले विधायकों में सिद्धार्थ (39 वर्ष) और नितिन नवीन (40 वर्ष) शामिल हैं. वर्तमान के दो विधायक संजीव चौरसिया और डॉ रामानंद यादव पीएचडीधारी हैं, जबकि अनंत सिंह और आशा देवी साक्षर हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya