पटना: 1967 के विस चुनाव में डॉ राम मनोहर लोहिया की पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने हसनपुर विस क्षेत्र से एक 27 साल के एक लड़के गजेंद्र प्रसाद हिमांशु को उम्मीदवार बनाया था. 1964 में एमए पास किये हिमांशु ने मात्र 2700 रुपये की खर्च से चुनाव जीत गये. वे सदन में सबसे कम उम्र के विधायक थे.
उम्मीदवार बनने के लिए हिमांशु जी का चयन ऐसे ही नहीं हुआ. वो खुद बताते हैं. सोशलिस्ट पार्टी में नीचे से प्रत्याशी का चुनाव होता था. पहले प्रखंड के कार्यकर्ता जिला कमेटी को नाम भेजती थी, जिला कमेटी राज्य कमेटी को भेजती थी. राज्य कमेटी से मुख्यालय नाम भेजा जाता था, वहां से नाम तय होने पर उम्मीदवार बनाया जाता था. इसी प्रक्रिया में युवा गजेंद्र प्रसाद हिमांशु की उम्मीदवारी तय की गयी.
उन दिनों हेलीकॉप्टर व बड़ी-बड़ी गाड़ियों की बात दूर इक्के-दुक्के जीप ही दिखायी पड़ते थे. वे बताते थे, हमारे पास साइकिल खरीदने तक का पैसा नहीं था. चंदा से जमा हुए पैसे से साइकिल खरीदी गयी और उसी से गांव-गांव में घुमकर चुनाव प्रचार करते. अंतिम चार दिन जब चुनाव प्रचार का रह गया तो उनके दल के लोगों ने कहीं से दो जीप चुनाव प्रचार के लिए भेजी गयी थी.
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हिमांशु के मुकाबले तीन बार के विधायक रहे कांग्रेस के महावीर राउत उम्मीदवार थे. महावीर राउत के लिए प्रतिष्ठा की बात थी. कांग्रेस पार्टी ने भी खुब मेहनत की. लेकिन, जब चुनाव परिणाम आये तो हिमांशु 15 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीत गये.
हिमांशु जी बताते हैं, इसके बाद 1969 मध्यावधि चुनाव हुआ. उन्हें इस बार भी टिकट मिला और भारी मतों से चुनाव जीत गये. इस चुनाव में उन्हें 9000 रुपये खर्च करने पड़े. सात बार हसनपुर से चुनाव जीते हिमांशु सिंचाई समेत कई विभागों के मंत्री रहे. बाद में वे विधानसभा के उपाध्यक्ष भी बनाये गये. दो हजार के चुनाव में वे अंतिम बार चुनाव जीते अब उन्होंने अपने को सक्रिय राजनीति से अलग कर लिया है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya