बिहार चुनाव 2020 : हथुआ में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, वोटर खामोश, जानें क्या है समीकरण
इस बार उनका मुकाबला राजद और लोजपा प्रत्याशियों से होगा.
पटना : दूसरे चरण में तीन नवंबर को गोपालगंज जिले के हथुआ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा, पर वोटर खामोश हैं. वहां से एनडीए की ओर से जदयू के उम्मीदवार और वर्तमान सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह हैं. वे यहां से लगातार पिछले दो चुनावों में विजयी रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला राजद और लोजपा प्रत्याशियों से होगा.
एक तरफ महागठबंधन से राजद के उम्मीदवार राजेश कुमार कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इन सबसे अलग लोजपा ने पहली बार किन्नर प्रत्याशी किन्नर रामदर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना को मैदान में उतारा है.
सूत्रों का कहना है कि हथुआ विधानसभा क्षेत्र का मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है. स्थानीय लोग इससे परेशान हैं. इसके साथ ही हथुअा के बंद चीनी मिल को चालू करवाने की भी मांग लंबे समय से होती रही है. 2005 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू की तरफ से इसे खुलवाने की बातें स्थानीय लोगों से कही गयी थीं, लेकिन यह चालू नहीं हो सका.
यहां सबसे अधिक आबादी कुशवाहा मतदाताओं की करीब 65 हजार है. वहीं, दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर करीब 50 हजार हैं. इसके बाद ब्राह्मण व भूमिहार सहित अन्य जातियां हैं.
गत दो चुनावों के विजेता
वर्ष विजयी उम्मीदवार पार्टी वोट पराजित उम्मीदवार पार्टी वोट कुल वोटिंग प्रतिशत
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2010 रामसेवक सिंह जदयू 50708 राजेश कुमार सिंह राजद 27861 53.76
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2015 रामसेवक सिंह जदयू 57917 महाचंद्र प्रसाद सिंह हम 34933 58.02
परिसीमन के बाद 2010 में हुआ था पहला चुनाव
परिसीमन के बाद गोपालगंज जिले के हथुआ विधानसभा के लिए पहला चुनाव 2010 में हुआ था. यहां से जदयू के रामसेवक सिंह ने राजद के उम्मीदवार राजेश कुमार सिंह को 22 हजार 847 वोटों से हराया था. उस चुनाव में 18 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 16 की जमानत जब्त हो गयी थी.
वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू से रामसेवक सिंह ने हम के महाचंद्र प्रसाद सिंह को 22 हजार 984 वोटों से हराया था. इस चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 12 की जमानत जब्त हो गयी थी.
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